बुधवार पेठ, 24 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
कश्मीर घाटी में 34 वर्षों के बाद पिछले दो वर्षों से सार्वजनिक गणेशोत्सव फिर से शुरू हो गया है. वर्तमान में यह सार्वजनिक गणेशोत्सव तीन स्थानों पर मनाया जा रहा है और अगले वर्ष से कश्मीर के पांच जिलों में सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाया जाएगा, ऐसा वेिशास कश्मीर के गणेश मंडल कार्यकर्ताओं ने पुणे में व्यक्त किया. गौरतलब है कि कश्मीर के लाल चौक में 2023 से डेढ़ दिन का गणेशोत्सव मनाया जा रहा है. इसके बाद, पिछले वर्ष यह उत्सव तीन स्थानों पर मनाया गया था. इस वर्ष तीन स्थानों पर फिर से गणेशोत्सव मनाया जाएगा और इसके लिए शनिवार (23 अगस्त) को विधि-विधान से पूजा- अर्चना के बाद पुणे में प्रतिष्ठित गणपति की मूर्तियां कश्मीर के गणेश मंडलों के कार्यकर्ताओं को सौंप दी गईं. केसरीवाड़ा गणपति की मूर्ति लाल चौक गणपति मंडल को सौंप दी गई, वहीं श्रीनगर में इंदिरानगर मंडल को अखिल मंडई के शारदा गजानन की मूर्ति और दक्षिण कश्मीर में श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति मंडल की मूर्ति प्रदान की गई. इस अवसर पर उत्सव प्रमुख एवं श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति मंडल के ट्रस्टी पुनीत बालन, अखिल मंडई मंडल के सूरज थोरात सहित केसरी गणपति के अनिल सपकाल, गुरुजी तालीम मंडल के पृथ्वीराज परदेशी, तुलसीबाग मंडल के विनायक कदम, जोगेेशरी मंडल के प्रसाद कुलकर्णी, श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति के अध्यक्ष संजीव जावले, कश्मीर में गणेश मंडलों के प्रमुख पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ, मोहित भान, संदीप रैना, सनी रैना, अमित कुमार भट्ट, संदीप कौल, शीशन चाकु, उदय भट्ट उपस्थित थे. श्रीनगर के लाल चौक स्थित गणपति यार मंडल के मोहित भान ने कहा, तीन साल पहले पुनीत बालन से कश्मीर में फिर से सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाने पर चर्चा हुई थी. उन्होंने हमें इसके लिए हर संभव सहयोग का ओशासन दिया और पहले ही साल डेढ़ दिन का सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाया गया. पिछले साल हमने तीन जगहों पर यह उत्सव मनाया था. हम चाहते हैं कि जिस तरह महाराष्ट्र में गणेशोत्सव मनाया जाता है, उसी तरह कश्मीर में भी यह उत्सव मनाया जाए. इसके लिए हम अगले साल पांच जगहों पर गणेशोत्सव मनाने की योजना बना रहे हैं. हम प्रार्थना करते हैं कि बप्पा के आशीर्वाद से कश्मीरी पंडित पहले की तरह वहां सुख और संतोष से रहें.
कश्मीर में भी बप्पा के जयकारे सुनाई देंगे
पुणे का शानदार गणेशोत्सव 175 देशों में मनाया जाता है, लेकिन हमारे कश्मीर में 1989 के बाद से सार्वजनिक गणेशोत्सव नहीं मनाया गया. हम पिछले दो वर्षों से इस कमी को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं. पुणे के मंडलों और कश्मीर के कार्यकर्ताओं ने इन प्रयासों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. इसलिए मुझे संतोष है कि अब भारत के स्वर्ग कश्मीर में भी गणपति बप्पा मोरया... का जयघोष गूंजेगा. मैं पुणे के सभी मंडलों और कश्मीर के कार्यकर्ताओं का मनःपूर्वक धन्यवाद करता हूं जिन्होंने इसमें सहयोग दिया. - पुनीत बालन, उत्सव प्रमुख एवं न्यासी, श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट