केंद्रीय जीएसटी के क्षेत्रीय अधिकारियाें ने वित्त वर्ष 2024-25 तक पिछले 5 वर्षाें में लगभग 7.08 लाख कराेड़ रुपये की कर चाेरी का पता लगाया है, इसमें लगभग 1.79 लाख कराेड़ रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की धाेखाधड़ी भी शामिल है.वित्त राज्य मंत्री पंकज चाैधरी ने लाेकसभा में इससे जुड़े आंकड़े साझा किए.सरकार की ओर से दिए गए आंकड़ाें के अनुसार अकेले वित्त वर्ष 2024-25 में, सीजीएसटी फील्ड अधिकारियाें की ओर से 2.23 लाख कराेड़ रुपये से अधिक की वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) चाेरी का पता लगाया गया है. सरकार ने लाेकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2025 में जीएसटी चाेरी के 30,056 मामलाें का पता चला.इनमें आधे से अधिक या 15,283 मामले आईटीसी धाेखाधड़ी से संबंधित थे.
इन मामलाें में 58,772 कराेड़ रुपये की कर चाेरी की गई थी. वित्त वर्ष 2023-24 में सीजीएसटी फील्ड अधिकारियाें की ओर से 2.30 लाख कराेड़ रुपये की जीएसटी चाेरी का पता लगाया गया. इसमें 36,374 कराेड़ रुपये की आईटीसी धाेखाधड़ी शामिल थी.कर चाेरी के आंकड़ाें में वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2025 के बीच 44,938 मामलाें में लगभग 1.79 लाख कराेड़ रुपये की आईटीसी धाेखाधड़ी शामिल हचाैधरी ने कहा कि केंद्र सरकार और जीएसटीएन कर चाेरी काे राेकने के लिए विभिन्न कदम उठा रहे हैं, जैसे ईइनवाॅयसिंग के माध्यम से डिजिटलीकरण, जीएसटी एनालिटिक्स, सिस्टम- फ्लैग्ड मिसमैच के आधार पर आउटलायर्स काे उजागर करना, कार्रवाई याेग्य खुफिया जानकारी प्रदान करना और जांच के लिए रिटर्न का चयन करना और विभिन्न जाेखिम मापदंडाें के आधार पर ऑडिट के लिए करदाताओं का चयन करना.
चाैधरी ने निचले सदन में एक लिखित उत्तर में कहा, यह उपाय राजस्व की सुरक्षा और कर चाेरी करने वालाें काे पकड़ने में सहायक हैं. संशाेधित अनुमान (आरई) की तुलना में वास्तविक शुद्ध केंद्रीय जीएसटी संग्रह पर एक सवाल के जवाब में, चाैधरी ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में शुद्ध सीजीएसटी संग्रह संशाेधित अनुमान का 96.7 प्रतिशत था. सरकार ने बताया है कि शुद्धसीजीएसटी में सीजीएसटी, एकीकृत जीएसटी और क्षतिपूर्ति उपकर शामिल हैं. वित्त वर्ष 2025 में वास्तविक संग्रह 10.26 लाख कराेड़ रुपये से अधिक रहा.