महाराष्ट्र के मंत्री पद से इस्तीफा देने के पांच महीने के बाद भी पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे ने शासकीय बंगला खाली नहीं किया है. इसकाे लेकर मुंडे पर 42 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसकी वजह से खाद्यान्न मंत्री छगन भुजबल अभी तक शासकीय बंगले में नहीं जा सके हैं. राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने साेमवार काे मुंबई में पत्रकाराें काे बताया कि धनंजय मुंडे और छगन भुजबल दाेनाें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अजीत पवार गुट के हैं. इसलिए इस संबंध में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ही निर्णय ले सकते हैं.दरअसल, मुंडे काे मंत्री बनने के बाद उन्हें शासकीय सातपुड़ा बंगला रहने के लिए दिया गया था. लेकिन बीड़ में सरपंच संताेष देशमुख हत्या मामले में उनका नाम आ जाने की वजह से मुंडे ने 4 मार्च काे मंत्री पद सइस्तीफा दे दिया था.
इसलिए, उनके अगले 15 दिनाें में बंगला छाेडने की उम्मीद थी. मुंडे के इस्तीफे के बाद छगन भुजबल काे मंत्री पद मिल गया और 23 मई काे भुजबल काे सातपुड़ा बंगले के लिए सरकारी आदेश जारी किया गया. लेकिन सरकारी बंगला खाली न हाेने से अभी तक भुजबल काे सरकारी आवास नहीं मिल सका है.लाेक निर्माण विभाग के सूत्राें ने साेमवार काे बताया कि धनंजय मुंडे पर बंगला न छाेडने के लिए जुर्माना लगाया गया है और इसकी राशि अब 42 लाख तक पहुँच गई है. लेकिन अभी तक धनंजय मुंडे ने न ताे जुर्माना की राशि अदा किया है और न ही बंगला खाली किया है. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस निर्णय लेंगे.इसका कारण जुर्माना राशि काे माफ करने का विशेषाधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री के पास है.