सुप्रीम काेर्ट ने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय (नगर निगम या मनपा, नगरपालिका और जिला परिषद्) के चुनाव नई प्रभाग रचना (वार्ड संरचना) के अनुसार ही हाेंगे.साथ ही काेर्ट ने ये चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ कराने काे भी हरी झंडी दे दी.
सुप्रीम काेर्ट ने नई प्रभाग रचना व ओबीसी आरक्षण काे चुनाैती देने वाली याचिकाओं काे खारिज करदिया. 27% ओबीसी आरक्षण के साथ ही मनपा, नगरपालिका, नगर निगम व जेडपी (जिला परिषद्) के चुनाव हाेंगे. सुप्रीम काेर्ट के फैसले से मनपा चुनाव का रास्ता साफ हाे गया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर सुप्रीम काेर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब वर्ष 2017 की तरह ही मनपा, नगरपालिका, नगर परिषद् व जेडपी (जिला परिषद्) के चुनाव हाेंगे.अब मैं राहुल गांधी काे सलाह देता हूं कि वे काेर्ट के फैसले काे मान लें और चुनाव आयाेग के बारे में अफवाहें न फैलाएं.
सुप्रीम काेर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि वार्ड संरचना पूरी तरह से राज्य सरकार का विशेषाधिकार है. सुप्रीम काेर्ट द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद, अब स्थानीय निकाय चुनावाें का रास्ता साफ हाे गया है. सुप्रीम काेर्ट में एक याचिका दायर कर अनुराेध किया गया था कि लातूर जिले की औसा मनपा के चुनाव 11 मार्च, 2022 की पिछली वार्ड संरचना के अनुसार कराए जाएं. इस याचिका काे साेमवार काे सुप्रीम काेर्ट ने खारिज कर दिया. चुनाव आयाेग ने अधिसूचित किया था कि यह चुनाव भी नई प्रभाग रचना के अनुसार कराए जाएं. इसलिए, साेमवार के आदेश के अनुसार, यह एक बार फिर स्पष्ट हाे गया है कि चुनाव नई प्रभाग रचना के अनुसार ही हाेंगे. बता दें कि लातूर जिले के औसा के पूर्व नगराध्यक्ष अफसर शेख ने नई प्रभाग रचना काे रद्द करने के लिए बाॅम्बे हाईकाेर्ट की औरंगाबाद बेंच में याचिका दायर की थी.
इस याचिका पर न्यायमूर्ति नितिन डब्ल्यू. सांबरे और न्यायमूर्ति सचिन एस. देशमुख की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई थी. अदालत ने राज्य सरकार के साथ-साथ राज्य चुनाव आयाेग काे भी नाेटिस जारी किया था. अफसर शेख ने राज्य सरकार द्वारा 10 जून, 2025 काे घाेषित नई प्रभाग रचना के आदेश काे चुनाैती दी. याचिका में अनुराेध किया था कि 8 जुलाई, 2022 काे स्थगित किया गया चुनाव कार्यक्रम यथावत जारी रहे, केवल मतदाता सूची नवीनीकरण और ओबीसी आरक्षण के मामलाें काे ही इसमें शामिल किया जाए. प्रशासनिक बातें अलग रखी जाएं ताे यह बात सामने आई है कि प्रभाग रचना का फायदा महायुति और मुख्य रूप से बीजेपी काे हुआ है.इस वजह से मुंबई काे छाेड़कर अन्य ए, बी, सी वर्ग की मनपाओं में 4 सदस्यीय प्रभाग रचना के अनुसार चुनाव कराने के आदेश दिये गये हैं.
पुणे में चार सदस्यीय प्रभाग रचना मुंबई मनपा (बीएमसी) में 227 एक सदस्यीय प्रभाग रचना हाेगी, जबकि पुणे, पिंपरी-चिंचवड़, नागपुर, ठाणे, नासिक, नवी मुंबई व छत्रपति संभाजीनगर सहित विभिन्न मनपाओं में 4 सदस्यीय प्रभाग रचना की जायेगी. यह प्रभाग रचना वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार हाेगी. महाविकास आघाड़ी के शासनकाल में उद्धव ठाकरे की सरकार ने दिसंबर 2019 में बहुसदस्यीय प्रभाग पद्धति बंद की और इसके बाद मार्च 2020 में एक सदस्यीय वार्ड सिस्टम लागू कर नगराध्यक्ष व महापाैर कुनाव नगरसेवकाें के जरिए कराने की व्यवस्था पर मुहर लगाई. एमवीए सरकार ने फिर से अ्नटूबर 2021 में अपना ही फैसला पलटकर एक प्रभाग से 3 सदस्याें के चुनाव काे लागू करने का निर्णय लिया. बाद में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सत्तासीन हुई महायुति सरकार ने 3 अगस्त 2022 काे उद्धव सरकार की बहुसदस्यीय पद्धति बरकरार ताे रखी, लेकिन 2017 के फैसले के मुताबिक एक प्रभाग में 4 सदस्याें के चुनाव का तरीका लागू कर दिया.