शिक्षा से वंचित अनाथ बच्चाें का करना हाेगा सर्वेक्षण

    07-Aug-2025
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सर्वाेच्च न्यायालय ने बुधवार काे सभी राज्याें काे निर्देश दिया कि वे उन अनाथ बच्चाें का सर्वेक्षण करें, जिन्हें निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत शिक्षा से वंचित रखा गया है.न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने केंद्र से कहा कि वह 2027 में हाेने वाली आगामी जनगणना में ऐसे बच्चाें के आंकड़ाें काे शामिल करने पर विचार करे.सर्वाेच्च न्यायालय देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले अनाथ बच्चाें के लिए चिंता व्यक्त करने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था.शीर्ष न्यायालय ने कहा, राज्याें काे उन अनाथ बच्चाें का सर्वेक्षण करना चाहिए जिन्हें अधिनियम के प्रावधानाें के तहत पहले ही प्रवेश मिल चुका है, साथ ही उन बच्चाें का भी सर्वेक्षण करना चाहिए जिन्हें अधिनियम के तहत मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार से वंचित किया गया है और यदि ऐसा है, ताे किन कारणाें से.राज्याें काे अपने-अपने हलफनामे लेकर लाैटना हाेगा.सर्वेक्षण और डेटा संग्रह जारी रहने के साथ, पीठ ने याेग्य बच्चाें काे आस-पड़ाेस के स्कूलाें में प्रवेश दिलाने के लिए एक साथ प्रयास करने काे कहा.
 
पीठ ने अधिकारियाें काे निर्देशाें का पालन करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया.यह बात सामने आई कि गुजरात, दिल्ली, मेघालय और सिक्किम सहित कई राज्याें ने अनाथ बच्चाें काे कानून की धारा 12 में निर्धारित कमजाेर वर्गाें और वंचित समूहाें के लिए 25 प्रतिशत काेटे में शामिल करनेके लिए पहले ही अधिसूचनाएं जारी कर दी हैं. धारा 12 मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के लिए स्कूल की ज़िम्मेदारी की सीमा से संबंधित है.पीठ ने कहा कि अन्य राज्य भी इसी तरह की अधिसूचना जारी करने पर विचार कर सकते हैं और संबंधित हलफनामा दाखिल कर सकते हैं.मामले की सुनवाई 9 सितंबर के लिए स्थगित कर दी गई. पीठ ने साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता, जाे किसी अन्य मामले में पेश हाे रहे थे, कहा, अनाथाें के संबंध में भी एक बाॅक्स हाेना चाहिए. पीठ ने कहा कि तब सरकार काे अनाथ बच्चाें का डेटा स्वतः ही मिल जाएगा.