मानसून सत्र का तेरहवां दिन भी हंगामे की बलि चढ़ा

    07-Aug-2025
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Monsoon
मानसून सत्र का तेरहवां दिन भी हंगामे की बलि चढ़ गया. लाेकसभा तथा राज्यसभा में बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) काे लेकर भारी हंगामा हुआ. भारी शाेर-शराबे के बीच लाेकसभा में मर्चेंट शिपिंग बिलपास हुआ. दाेनाें सदनाें की कार्रवाई दिनभर के लिए स्थगित की गई.लाेकसभा में विपक्षी दलाें ने कई सारे मुद्दाें काे लेकर केंद्र सरकार का घेराव किया. साथ ही लाेकसभा के स्पीकर ओम बिरला काे पत्र लिखकर एक अहम मांग उठाई. ओम बिरला काे लिखे पत्र में विपक्षी पार्टियाें ने कहा कि राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 और राष्ट्रीय एंटी-डाेपिंग (संशाेधन) विधेयक 2025 काे तुरंत पासकरने की बजाय संसद की एक संयुक्त समिति काे भेजा जाना चाहिए.
ताकि इन दाेनाें महत्वपूर्ण बिलाें की अच्छी तरह से जांच और चर्चा हाे सके.विपक्ष ने कहा कि यह बिल भारत के खेल और खिलाड़ियाें के लिए बहुत जरूरी बदलाव लाते हैं. इसलिए इन बिलाें पर सभी राजनीतिक दलाें और संबंधित लाेगाें की राय लेना जरूरी है, ताकि काेई विवाद न हाे और सभी की सहमति से ये बिल बने. उन्हाेंने यह भी बताया कि ये बिल खेल संगठनाें के कामकाज काे साफ- सुथरा और सही ढंग से चलाने के नियम बनाते हैं. साथ ही डाेपिंग के खिलाफ कड़े नियम भी इन बिलाें में शामिल हैं, जाे भारत के खेल काे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करेंगे. साथ ही पत्र में लिखा गया है कि यदि यह बिल बिना अच्छी जांच के पास हाे गए ताे इसके नकारात्मक प्रभाव हाे सकते हैं. इसलिए इन बिलाें काे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजकर विस्तार से विचार किया जाना चाहिए. इस तरह बिलाें की धारा-दर-धारा समीक्षा हाेगी और इसमें सुधार भी किया जा सकेगा.
इस पत्र पर कांग्रेस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना (यूबीटी),आरएसपी, वीसीके, एमडीएमके और आईयूएमएल जैसे कई विपक्षी दलाें के सांसदाें ने हस्ताक्षर किए हैं. हालांकि दूसरी ओर सरकार ने विपक्षी दलाें काे चेतावनी भी दी कि अगर विपक्ष सदन में हंगामा करता रहा और कामकाज में बाधा पहुंचाई ताे वे शाेर-शराबे के बीच विधायी कामकाज पूरा करने के लिए मजबूर हाेंगे. बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विपक्ष ने संसद में चर्चा की मांग की. सत्तापक्ष ने इसका विराेध किया, जिसे लेकर बुधवार काे भी जमकर हंगामा हुआ. लाेकसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया पर लाेकसभा में चर्चा नहीं हाे सकती, क्याेंकि यह मामला सर्वाेच्च न्यायालय में विचाराधीन है और नियम ऐसे मुद्दाें पर सदन में चर्चा की अनुमति नहीं देते, जाे अदालत में लंबित हैं.