पुणे, 6 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) पुणे मनपा में सोमवार शाम उस समय तनाव की स्थिति बन गई जब मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के कार्यकर्ता बिना सूचना सीधे आयुक्त की बैठक में घुस गए. आयुक्त नवल किशोर राम द्वारा हिंदी में बाहर जाइए कहने और कथित तौर पर ‘गुंड’ शब्द का प्रयोग करने के बाद विवाद ने तूल पकड़ा. इस घटना ने मराठी अस्मिता और प्रशासनिक भाषा को लेकर गर्मा-गर्म बहस छेड़ दी. प्राप्त जानकारी के अनुसार, मनसे के वरिष्ठ पदाधिकारी एड. किशोर शिंदे, संजय भोसले, तांबोली और एक अन्य कार्यकर्ता बुधवार की शाम करीब 5 बजे मनपा मुख्यालय पहुंचे. उनका उद्देश्य आयुक्त बंगल्यात से कथित तौर पर गायब हुए सामान के बारे में ज्ञापन देना था. उस समय आयुक्त नवल किशोर राम वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में व्यस्त थे. बताया गया कि एड. किशोर शिंदे अचानक मीटिंग हॉल में घुस गए, जिससे बैठक बाधित हुई. इस पर आयुक्त ने उन्हें रोका और ‘आप कौन हैं, बाहर जाइए’ ऐसा हिंदी में कह दिया.

शिंदे ने इसका कड़ा विरोध किया और कहा-‘मराठीत बोला, मी माजी नगरसेवक आहे. दोन वेळा विधानसभा लढलो आहे’. इसके बाद दोनों पक्षों में तीखा वाद-विवाद शुरू हो गया. इस घटना के बाद मनसे कार्यकर्ताओं ने आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना दिया. एड. किशोर शिंदे ने आरोप लगाया कि हम सिर्फ ज्ञापन देने आए थे. कुछ समय इंतजार करने के बाद मैं मीटिंग खत्म होने का समय पूछने अंदर गया. वहां आयुक्त ने अपमानजनक लहजे में बात की और हमें ‘गुंड’ कहा. शिंदे ने आगे कहा कि आयुक्त ने बार-बार ‘गुंडगिरी’ शब्द दोहराया और कर्मचारियों ने उनके मोबाइल तक छीन लिए. ‘मराठी माणसाला गुंड म्हणणं सहन केलं जाणार नाही. सीसीटीव्ही फुटेज आणि मोबाईल शूटिंग तपासा. आम्ही मागे हटणार नाही’. तनाव बढ़ने पर बुलाई गई पुलिस जैसे ही यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, मनसे कार्यकर्ताओं की बड़ी भीड़ मनपा मुख्यालय में इकट्ठा हो गई्. प्रशासन ने स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस बल बुलवाया और मनपा के सभी मुख्य गेट बंद कर दिए गए. इससे कई अधिकारी और कर्मचारी भवन के अंदर फंस गए. घटना के कुछ देर बाद मनसे के वरिष्ठ नेता बाबू वागसकर, रणजीत शिरोले और साईनाथ बाबर भी मनपा पहुंचे और आयुक्त से लंबी बातचीत की. दोनों पक्षों में स्थिति को शांत करने के प्रयास किए गए, लेकिन तनाव तब तक जारी रहा जब तक कि पुलिस ने मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में नहीं लिया.
मनपा आयुक्त ने दी अपनी सफाई
जब इस घटना के बारे में आयुक्त नवल किशोर राम से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान अचानक कुछ लोग अंदर आ गए्. मैंने उन्हें नहीं पहचाना, इसलिए उन्हें हिंदी में बाहर जाने को कहा. इस पर उन्होंने मुझे धमकाया और कहा कि मराठी में बात करो, नहीं तो महाराष्ट्र से बाहर निकाल देंगे. आयुक्त के अनुसार, मनसे कार्यकर्ता उनके ऊपर आक्रामक रूप से झपटे, जिससे प्रशासन की गरिमा को ठेस पहुंची. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी है.