ओबीसी नेता भुजबल ने सीएम फडणवीस काे 8 पेज का पत्र लिखा राज्य के एक प्रमुख ओबीसी नेता और मंत्री छगन भुजबल ने आराेप लगाया है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने भारी दबाव में मराठा आरक्षण से संबंधित सरकारी आदेश जारी किया है. उन्हाेंने इस संबंध में मुख्यमंत्री काे 8 पन्नाें का एक पत्र लिखा है. इसमें उन्हाेंने अपने समुदाय के विचाराें काे विस्तार से प्रस्तुत किया है.उन्हाेंने सरकार के सरकारी आदेश में ‘मराठा समुदाय’ शब्द पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्हाेंने ‘मराठा समुदाय’ काे ओबीसी या कुनबी या मराठा-कुनबी या कुनबी-मराठा के रूप में उल्लेखित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है. उनकी इस मांग के कारण इस मामले पर विवाद एक अलग माेड़ ले सकता है.छगन भुजबल मंगलवार की राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए थे. बाद में पत्रकाराें से बातचीत में उन्हाेंने उपराेक्त जानकारी दी. उन्हाेंने कहा, मैंने समता परिषद की ओर से मुख्यमंत्री काे 8 पन्नाें का एक पत्र लिखा है. इस पत्र का मसाैदा वकीलाें ने तैयार किया है. इसमें काफी कानूनी पेचीदगियां की गई हैं.
हमने इन मुद्दाें काे सरकार के समक्ष रखा है. अब हम इन्हें अदालत में पेश कर सकते हैं. अदालत काे यह भी बताया जा सकता है कि हमने यह मुद्दे सरकार के संज्ञान में ला दिए हैं. इसके लिए हमने यह पत्र मुख्यमंत्री काे दिया था. मुख्यमंत्री ने इसे बहुत ध्यान से पढ़ा. उन्हाेंने इसमें बहुत बड़ी बात लिखी है.सरकार द्वारा 2 सितंबर काे जारी किया गया सरकारी आदेश भारी दबाव में जारी किया गया था. इस मामले में ओबीसी की एक समिति गठित की गई थी. इस मामले में उससे भी काेई चर्चा नहीं हुई. सरकार ने इस संबंध में सुझाव या आपत्तियां नहीं मांगीं.इसलिए, हम इस संबंध में आपके (मुख्यमंत्री) पास आए हैं. यह ध्यान रखना ज़रूरी था कि 2 सितंबर के सरकारी आदेश के कारण ओबीसी की 350 से ज़्यादा जातियाें के साथ काेई अन्याय न हाे.लेकिन यह ध्यान नहीं रखा गया. हमारी राय में, ओबीसी के साथ अन्याय से बचने के लिए या ताे इस सरकारी आदेश काे वापस ले लिया जाए या इसमें उचित संशाेधन किए जाएं.