बाॅम्बे हाईकाेर्ट ने 2012 में पुणे के जंगली महाराज राेड विस्फाेट मामले में फारूक शाैकत बागवान काे जमानत दी

    11-Sep-2025
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बाॅम्बे हाईकाेर्ट ने मंगलवार काे 2012 के पुणे बम धमाकाें के मामले में गिरफ्तार आराेपी फारूक शाैकत बागवान काे ज़मानत दे दी. दिसंबर 2012 में हुई उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें ज़मानत मिली है. हाईकाेर्ट ने पिछले साल रिहा हुए एक अन्य आराेपी के समान ही एक लाख रुपये के ज़मानत बांड पर उन्हें रिहा करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति एएस गडकरी और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पाया कि बागवान की भूमिका सह-आराेपी मुनीब मेमन से मिलतीजुलती थी, जिसे पिछले सितंबर में ज़मानत दी गई थी. बागवान के वकील मुबीन साेलकर ने पुणे की एक विशेष निचली अदालत द्वारा सितंबर 2021 में ज़मानत याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ आराेपी द्वारा दायर अपील में समानता के आधार पर ज़मानत की मांग की। बागवान मुंबई की आर्थर राेड जेल में बंद था.यह मामला संगठित अपराध पर लगाम लगाने वाले कड़े कानून - महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकाेका) और आतंकवाद विराेधी कानून - गैरकानूनी गतिविधियाँ (राेकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज किया गया है. 1 अगस्त 2012 काे 19.25 से 23.30 बजे के बीच पुणे में पांच कम तीव्रता वाले विस्फाेट हुए, जिसमें एक व्यक्ति की माैत हाे गई थी.