कैंप, 12 सितंबर (आज का आनंद समाचार नेटवर्क) क्रेडाई पुणे ने बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन अथॉरिटी (बीसीए), सिंगापुर की सहायक कंपनी बीसीए इंटरनेशनल प्रा.लि. के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते का उद्देश्य भारत में रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र में टिकाऊ, नवीन और उच्च-गुणवत्ता वाली निर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देना है. क्रेडाई पुणे के अध्यक्ष मनीष जैन और बीसीए इंटरनेशनल के कार्यकारी निदेशक हेंग टेक थाई की उपस्थिति में सिंगापुर में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. गौरतलब है कि क्रेडाई पुणे के सीआईबीएफ (एक अंतरराष्ट्रीय मंच) के 80 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की सिंगापुर यात्रा की पृष्ठभूमि में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इस यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर में डेवलपर्स, आर्किटेक्ट्स, निर्माण कंपनियों, नीति निर्माताओं और सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत की. उन्होंने वहां की वेिशस्तरीय रियल एस्टेट प्रथाओं का अध्ययन किया. इस रणनीतिक साझेदारी के तहत, दोनों संस्थान विभिन्न मुद्दों पर सहयोग करेंगे. इनमें हरित प्रमाणन, ज्ञान का आदान-प्रदान और प्रशिक्षण, नेटवर्किंग के अवसर, प्रौद्योगिकी अपनाना और उत्कृष्टता केंद्र शामिल हैं. सीआईबीएफ प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व क्रेडाई पुणे के अध्यक्ष मनीष जैन ने किया. उनके साथ उपाध्यक्ष अरविंद जैन, नितिन न्याति और विनोद चंदवानी के अलावा, सीआईबीएफ कार्यसमिति 2025 के सदस्य हिरन परमार, केतन रुइकर, पुनीत ओसवाल, ईशान मगर, विशाल जुमानी और मोनीश अग्रवाल भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. इस अवसर पर, सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त डॉ. शिल्पक अंबुले ने प्रतिनिधिमंडल को संबोधित किया. उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और रियल एस्टेट क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया.
मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण
बड़ा कदम क्रेडाई पुणे के अध्यक्ष मनीष जैन ने कहा, यह सहयोग निर्माण क्षेत्र में स्थिरता, नवाचार और वैेिशक सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के क्रेडाई पुणे के मिशन की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह साझेदारी हमारे सदस्यों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों को अपनाने और भारत को उसके नेट जीरो लक्ष्यों के करीब लाने में मदद करेगी.
दोनों देशों के विकास को रफ्तार मिलेगी
बीसीए इंटरनेशनल के कार्यकारी निदेशक हेंग टेक थाई ने कहा, इस सहयोग के माध्यम से, हम हरित और स्मार्ट भवन प्रथाओं में सिंगापुर के अनुभव को भारतीय निर्माण क्षेत्र में लाएंगे. हम नए अवसर पैदा करेंगे जो दोनों देशों के विकास को गति देंगे.