उपवास के साथ ‌‘डिजिटल फास्टिंग' भी अनिवाय

    13-Sep-2025
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 सुजय गार्डन जैन संघ में चातुर्मास बिराजमान जैन मुनि पू. जे. पी. गुरुदेवने आज की अपनी धर्मवाणी में बताया कि, प्रत्येक मानव को चातुर्मास काल में धर्म आराधना के दौरान विशेष रुप से अपनी शक्ति के अनुसार अवश्य कचाहिए, क्योंकि अनंतकालीन कर्मों की पीड़ा को नष्ट करने के लिए तप ही रामबाण इलाज है. तप क रना चाहिए आर आज क साथ ‌‘डिजिटल फास्ि है, ताकि तप के दौर परमात्मा के निकट प सके. तप उन्हीं का सफल होता है जो तप करते हुए कभी किसी पर तपे नहीं यानी क्रोध ना करे, गुस्सा ना करे. तप कभी जबरदस्ती से नहीं करना चाहिए, तप के साथ साथ देव-गुरु-धर्म की उत्कृष्ट आराधना करनी और के जमाने में उपवास के ास्टिंग' करना भी अनिवार्य रान उस समय में तपस्वी के पहुंचने का पुरुषार्थ कर इसके लिए पू.गुरुदेव ने बताय ा कि, आपको मोबाइल छोड़ना है परन्तु Diel 24 के रुप में तीर्थंकर नंबर 1 श्री ऋषभदेव भगवान से लेकर नंबर 24 श्री महावीर स्वामी भगवान तक के किसी भी भगवान की विशिष्ट साधना करना है. अंत में पू. गुरुदेव ने जीवन मंत्र प्रदान करते हुए कहा कि, प्रति दिन स्नान करके घर से बाहर निकलने से पहले अपने ललाट पर 13 का एक स्टिकर लगाएं और 13 मिनट अपने-आप से कहां कि, हे आत्मन्‌‍! तूं तेरा देख, छोड़ सारी दुनिया की फिकर. बस, यह प्रयोग अपनाते हुए अपने मन में रही हुई दुनिया की सारी उपाधि से मुक्त होकर मस्त जीवन के स्वामी बनो यही शुभकामना. - पू. जे. पी. गुरुदेव सुजय गार्डन जैन संघ, मुकुंदनगर, पुणे