जादू का अर्थ हाेता है : जाे नहीं हाेता, जाे नहीं हाे सकता है, वह दिखाई पड़ रहा है. उसका आभास हाे रहा है. माया का अर्थ है: जाे नहीं है, नहीं हाे सकता है, लेकिन जिसका आभास हाेता है. और आभास का हम राेज-राेज पाेषण करते हैं.एक स्त्री के तुम प्रेम में पड़ गए.िफर विवाह का संयाेजन किया. चला, जादू शुरू हुआ! विवाह का आयाेजन जादू की शुरुआत है. अब एक भ्रांति पैदा करनी है. यह स्त्री तुम्हारी नहीं है, यह तुम्हें पता है अभी. अब एक भ्रांति पैदा करनी है कि मेरी है, ताे बैंडबाजे बजाए, बारात चली, घाेड़े पर तुम्हें दुल्हा बना कर बिठाया. अब ऐसे काेई घाेड़े पर बैठता भी नहीं. अब ताे र्सिफ दुल्हा जब बनते हैं, तभी घाेड़े पर बैठते हैं.छुरी इत्यादि लटका दी. चाहे छुरी निकालना भी न आता हाे, चाहे छुरी से सागसब्जी भी न कट सकती हाे; मगर छुरी लटका दी. माेरमुकुट बांध दिए.
बड़े बैंडबाजे, बड़ा शाेरगुलचली बारात! यह भ्रांति पैदा करने का उपाय है.यह एक मनाेवैज्ञानिक उपाय है. तुम्हें यह विश्वास दिलाया जा रहा है: काेई बड़ी महत्वपूर्ण घटना घट रही है! भारघटना घट रही है! िफर मंत्र, यज्ञहवन, पूजा पाठ... चलती है प्रक्रिया लंबी.
वह प्रक्रिया र्सिफ मनाेवैज्ञानिक है, हिप्नाेटिक है. उसका पूरा उपाय इतना है कि यह सम्माेहन गहरा बैठ जाए, कि घटना ऐसी घट गई कि अब टूट नहीं सकती. गांठ ऐसी बंध गई कि अब खुल नहीं सकती. िफर कसकर गांठ बांध दी गई है. िफर वेदी के सात चक्कर लगवाए गए हैं और मंत्र पढ़े जा रहे हैं और पंडित-पुराेहित भ्रम पैदा कर रहे हैं कि काेई भारी घटना घट रही है.और सारे समाज के सामने घट रही है.तुम्हारे भीतर विश्वास बिठाया जा रहा है धीरे-धीरे. यह सुझाव की प्रक्रिया है, जसकाे मनाेवैज्ञानिक सजेशन कहते हैं.
यह मंत्र डाला जा रहा है तुम्हारे भीतर कि अब तुम दाेनाें के एक-दूसरे के हाे गए सदा के लिए. अब मृत्यु ही तुम्हें अलग कर सकती है.इकट्ठे तुम कभी थे ही नहीं, अब मृत्यु अलग कर सकती है और काेई अलग नहीं कर सकता! िफर तुम घर आ गए. अब तुम इस भ्रांति में पड़ गए हाे कि तुम पति हाे गए हाे और तुमने यह मान लिया है कि यह मेरी पत्नी हाे गई है. अब तुम इस भ्रांति में जियाेगे. यह जादू... जमूरा आम खाएगा?... चांदर उठाई, आम हाे गया. अब यह सारा समाज इसका समर्थन करेगा. अब तुम साेच भी नहीं सकते अलग हाेने की. अब ताे बंध गए सुख में, दुःख में. अब ताे हर हाल में बंध गए. अब छूटने का काेई उपाय ही नहीं है. वह प्रतीति इतनी गहरी बिठाई जाती है कि पत्नी मेरी हाे गई, पति मेरा हाे गया.
काैन किसका है! िफर एक दिन तुम्हारा बच्चा पैदा हाेता है. न पत्नी तुम्हारी थी न पति तुम्हारा था. दाे झूठाें पर एक तीसरा झूठ चला कि यह बच्चा मेरा है, हमारा है. सब परमात्मा का है. तुम्हारा कैसे हाे सकता है? बच्चे तुमसे आते हैं, तुम्हारे नहीं हैं. तुम केवल मार्ग हाे उनके आने के.भेजने वाला काेई और है. तुम बनानेवाले नहीं हाे, बनाने वाला काेई और है. मगर भ्रांतियां चलती चली जाती हैं: मेरा बेटा! िफर मेरे बेटे की प्रतिष्ठा, मेरी प्रतिष्ठा; मेरे बेटे का अपमान, मेरा अपमान. िफर चले तुम. िफर लगे तुम चेष्टा में. अब बेटे काे बनाना है ऐसा कि तुम्हारा अहंकार भरे इससे.तुम ताे चले जाओ, लेकिन लाेग याद करें कि एक बेटा छाेड़ गए. उल्लू मर गए, औलाद छाेड़ गए! एक भ्रांति से दूसरी भ्रांति, तीसरी भ्रांति हम खड़ी करते चले जाते हैं. हम एक महल खड़ा कर देते हैं भ्रांतियाें का. इस भ्रांति का नाम माया है.