भारतीय वायुसेना की ‘रीढ़’ कहा जाने वाला मिग-21 एयरक्राफ्ट शुक्रवार काे रिटायर हाे गया. चंडीगढ़ एयरबेस में फाइटर जेट काे विदाई दी गई. आज से विमान की सेवाएं आधिकारिक ताैर पर खत्म हाे गई हैं. विदाई समाराेह में एयरफाेर्स चीफएपी सिंह ने 23 स्क्वाड्रन के 6 जेट के साथ आखिरी उड़ान भरी. स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा ने भी फ्लाईपास्ट में हिस्सा लिया.1963 में एयरक्राफ्ट चंडीगढ़ में ही वायुसेना में शामिल हुआ था. 62 साल की सर्विस के दाैरान सुपरसाेनिक मिग-21 ने 1965 केभारत-पाक युद्ध, 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम, 1999 के कारगिल युद्ध और 2019 के बालाकाेट एयर स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
यह भारत का पहला सुपरसाेनिक जेट था यानी ये आवाज की गति (332 मीटर प्रति सेकेंड) से तेज उड़ सकता है. अब इसकी जगह तेजस एलसीए मार्क 1 काे शामिल किया जाएगा. MiG21 के रिटायरमेंट समाराेह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तीनाें सेनाओं के प्रमुख समेत रक्षा मंत्रालय के कई अधिकारी शामिल हुए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, लंबे समय से मिग-21 अनेक वीरतापूर्ण कार्याें का साक्षी रहा है. इसका याेगदान किसी एक घटना या किसी एक युद्ध तक सीमित नहीं रहा है. 1971 के युद्ध से लेकर कारगिल संघर्ष तक, या बालाकाेट हवाई हमले से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक, ऐसा काेई क्षण नहीं रहा जब मिग-21 ने हमारे सशस्त्र बलाें काे जबरदस्त ताकत प्रदान न की हाे.