लातूर, 27 सितंबर (आ.प्र.)
दयानंद कला महाविद्यालय, लातूर में हिंदी दिवस बड़े उत्साह और गरिमा के साथ संपन्न हुआ. यह कार्यक्रम हिंदी भाषा के महत्त्व, इसके विकास और वर्तमान समाज में इसकी प्रासंगिकता पर आधारित था. कार्यक्रम का आयोजन हिंदी विभाग द्वारा किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और महर्षि दयानंद सरस्वती की प्रतिमा वंदना के साथ हुआ. मुख्य अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य डॉ.शिवाजी गायकवाड़ द्वारा पुष्पगुच्छ और शॉल से किया गया. हिंदी विभाग के प्रमुख डॉ. प्रदीप सूर्यवंशी ने स्वागतपर भाषण में हिंदी भाषा की गरिमा, गौरव और उसके वैज्ञानिक स्वरूप पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर हिंदी विभाग की ओर से नवचेतना हिंदी साहित्य मंडल की स्थापना की घोषणा की गई, जो विद्यार्थियों को रचनात्मक अभिव्यक्ति के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करेगा.जिसमें अध्यक्ष एम.ए हिंदी द्वितीय वर्ष की छात्रा मयुरी पाटील, उपाध्यक्ष एम.ए हिंदी प्रथम वर्ष की छात्रा शेख सानिया तथा बारहवीं वर्ग की छात्रा श्रुति सूर्यवंशी, सचिव बी.ए तृतीय वर्ष के छात्र वसंत कुलकर्णी और सहसचिव बी.ए द्वितीय वर्ष के छात्रा तेजस पाटोळे, कोषप्रमुख एम.ए द्वितीय वर्ष की शबनम शेख और ग्यारहवीं की दिक्षा साळुंके, संपर्क प्रमुख बारहवीं की संस्कृती समुद्रे, बी.ए प्रथम वर्ष के छात्र निलेश वाघमारे, मिडिया प्रतिनिधी बी.ए प्रथम वर्ष की मिसबा शेख और ग्यारहवीं की स्नेहा कांबळे तथा सदस्य के रुप में ज्ञानेेशरी भिसे, बी.ए द्वितीय वर्ष, प्रिया धवसे बी ए तृतीय वर्ष, जिशान शेख बी.ए द्वितीय वर्ष, प्रिया राठोड बी. ए द्वितीय वर्ष, प्रदीप खांडेकर बी.ए द्वितीय वर्ष, स्वाती जाधव बी.ए प्रथमवर्ष,श्रद्धा नागराळे ग्यारहवीं, प्रणव टेंकाळे, ग्यारहवीं ओमकार कलवरे ग्यारहवीं, पायल काळे ग्यारहवीं आदि छात्रों का चयन किया गया. प्रमुख अतिथि के परिचय की जिम्मेदारी डॉ.मीना घुमे ने पूरी की. मुख्य अतिथि बजरंग पारिख (सुप्रसिद्ध हास्य व्यंग कवि, नांदेड़ ) ने हिंदी भाषा की वर्तमान स्थिति पर एक विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया. प्रधानाचार्य डॉ. शिवाजी गायकवाड़ का प्रेरणादायक भाषण में कहा कि, हिंदी केवल एक संवाद की भाषा नहीं, बल्कि हमारी आत्मा की अभिव्यक्ति है. कार्यक्रम में छात्रों ने भावनात्मक और प्रेरणात्मक कविताएं प्रस्तुत कीं.इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की उपप्राचार्य डॉ.अंजली जोशी, उपप्राचार्य डॉ. दिलीप नगरगोजे की प्रमुख उपस्थिति रही. हिंदी विभाग के सभी प्राध्यापकगण तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रा.डॉ. वर्षा कांबळे प्रा.डॉ.महारुद्र सिरसट, प्रा.सिद्धार्थ भालेराव, प्रा. सागर यादव तथा कर्मचारी प्रमोद मुगळे, गोदाम और सभी छात्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.कार्यक्रम के उद्घोषक डॉ.गोपाल बाहेती ने किया. समापन धन्यवाद ज्ञापन डॉ.शिवकांता सुरकुटे ने किया.