पुणे, 2 सितंबर (आ.प्र.) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम, मेडिकल ऑक्सीजन प्रबंधन पर एक राष्ट्रीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम, जिसके अंतर्गत अग्रणी प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन एएफएमसी के अस्पताल प्रशासन विभाग द्वारा एम्स दिल्ली के साथ साझेदारी में किया गया. इसका उद्घाटन 30 अगस्त को महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और मध्य प्रदेश राज्यों के लिए एएफएमसी के निदेशक एवं कमांडेंट तथा सेना चिकित्सा कोर के डायरेक्टर और कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल पंकज पी राव ने किया. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के राज्य नोडल अधिकारियों, संकाय सदस्यों और वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारियों के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और एम्स, नई दिल्ली के प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की. यह राष्ट्रीय स्तर की सीएमई कोविड-19 महामारी के दौरान सीखे गए सबक का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिसने एक मजबूत और कुशलतापूर्वक प्रबंधित चिकित्सा ऑक्सीजन बुनियादी ढांचे की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर प्रकाश डाला. इस कार्यक्रम का उद्देश्य मास्टर प्रशिक्षकों का एक समूह तैयार करना है जो माध्यमिक और प्राथमिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को यह आवश्यक ज्ञान प्रदान करेंगे, जिससे भविष्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए देश की लचीलापन और तैयारी में वृद्धि होगी. एक दिवसीय प्रशिक्षण में चिकित्सा ऑक्सीजन प्रबंधन के संपूर्ण क्षेत्र को शामिल किया गया. एएफएमसी के प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों ने ऑक्सीजन पारिस्थितिकी तंत्र, मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम की योजना और डिजाइन, तथा नियामक अनुपालन जैसे विषयों पर विशेषज्ञ सत्र आयोजित किए. पाठ्यक्रम में वयस्कों, बाल चिकित्सा और नवजात शिशुओं में ऑक्सीजन प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण नैदानिक पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया. गुणवत्ता ओशासन और ऑक्सीजन प्रबंधन के सिद्धांतों पर विशेष जोर दिया गया. शैक्षणिक सत्रों के साथ-साथ विभिन्न ऑक्सीजन प्रबंधन उपकरणों का व्यावहारिक प्रदर्शन और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए कमांड अस्पताल पुणे का स्थल भ्रमण भी किया गया. प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यशाला का सफल आयोजन राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति एएफएमसी की अटूट प्रतिबद्धता और देश भर में स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के कौशल को उन्नत करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका का प्रमाण है.