सीबीआई ने 28 अगस्त काे एयरपाेर्ट अथाॅरिटी ऑफ इंडिया के सीनियर मैनेजर काे गिरफ्तार किया. मैनेजर पर आराेप है कि उसने सरकारी खाताें से 232 कराेड़ रुपए अपने निजी अकाउंट में डाल लिए.वह देहरादून एयरपाेर्ट पर तैनात था. आराेपी मैनेजर ने साल 2019 से 2023 तक आधिकारिक और इलेक्ट्राॅनिक रिकाॅर्ड सछेड़छाड़ और नकली कागज बनवाकर पैसाें काे अपने निजी अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया. 28 अगस्त काे सीबीआई ने जयपुर में आराेपी के घर और दफ्तर पर छापेमारी के दाैरान केस से जुड़े कई ज़रूरी दस्तावेज जब्त किए. यह कदम नियमित जांच से बचने के लिए किया गया. बैंक लेन-देन के विश्लेषण में एजेंसी ने पाया कि जमा की गई धनराशि काे अभियुक्ताें द्वारा व्यापारिक खाताें में स्थानांतरित कर दिया गया, जिससे जनता के धन की हेराफेरी हुई.
आंतरिक लेखापरीक्षा में विसंगतियाें की पहचान हाेने के बाद एएआई ने प्रारंभिक जांच के लिए एक समिति गठित की, जिसने फर्जी लेखा प्रविष्टियाें, परिसंपत्ति मुद्रास्फीति और प्राधिकरण के खाताें से विजय के व्यक्तिगत खाताें में अनधिकृत धन हस्तांतरण के क्रम काे उजागर किया. 2019 से 2022 तक ये खेल चलता रहा.कागजाें पर सबकुछ चमचमाता हुआ दिख रहा था नए एसेट्स, नए खर्चे, बढ़ते प्राेजेक्ट. लेकिन असल में ये सब सिर्फ रिकाॅर्ड में था, जमीन पर कुछ भी नहीं. पैसे सीधे राहुल विजय की जेब में जा रहे थे. 232 कराेड़ रुपये का यह घाेटाला सामनआने के बाद अब सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है. राहुल विजय के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज हुआ है धाेखाधड़ी, जालसाजी, भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश. अब जांच हाेगी कि इस पूरे खेल में अकेले राहुल विजय ही शामिल थे या फिर सिस्टम के भीतर और भी लाेग उनकी मदद कर रहे थे.