जरांगे की मांगें मंजूर : 5 दिन बाद आंदाेलन खत्म

    03-Sep-2025
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पांच दिन बाद ओबीसी से मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग काे लेकर आंदाेलन खत्म हुआ. राज्य सरकार ने जरांगे की मांगें मंजूर कीं. हैदराबाद गजेटियर सहित जरांगे की सभी मांगाें काे सरकार की हरी झंडी मिली. विखे पाटिल के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल की जरांगे से बातचीत के बाद मामला सुलझ गया. जरांगे ने इसे अपनी व आंदाेलनकारियाें की बड़ी जीत बतायी. मनाेज जरांगे पाटिल मुंबई में ओबीसी से मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग काे लेकर भूख हड़ताल पर थे. उन्हाेंने मुंबई के आज़ाद मैदान में डेरा डाल रखा था और 2 सितंबर उनकी भूख हड़ताल का पांचवां दिन था. पूरे महाराष्ट्र से लाखाें मराठा प्रदर्शनकारी इस विराेध प्रदर्शन में शामिल हुए थे. इस बीच, राज्य सरकार ने जरांगे की मांगें मान ली हैं. राज्य मंत्रिमंडल ने मराठा आरक्षण के मुद्दे काे सुलझाने के लिए जल संसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल के नेतृत्व में एक उप-समिति का गठन किया है.
 
इस समिति की मंगलवार काे एक महत्वपूर्ण बैठक हुई.इस बैठक में जरांगे की कुछ प्रमुख मांगाें काे स्वीकार करने का निर्णय लिया गया. बैठक के बाद विखे पाटिल, खेल मंत्री माणिकराव काेकाटे, लाेक निर्माण मंत्री शिवेंद्रराजे भाेसले, उद्याेग मंत्री उदय सामंत आज़ाद मैदान स्थित अनशन-स्थल पर गए.और मनाेज जरांगे से मुलाकात की.इस मुलाकात के दाैरान, विखे ने जरांगे काे बताया कि उनकी मांगें मान ली गई हैं. इस अवसर पर, मनाेज जरांगे ने सभी प्रदर्शनकारियाें के सामने मराठा आरक्षण के संबंध में राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णयाें काे पढ़कर सुनाया.मनाेज जरांगे ने बताया, हमने लिखित रूप में अपनी मांगें सरकार के सामने रखी थीं. पहला मुद्दाहैदराबाद गजेटियर काे तुरंत लागू करने की हमारी मांग थी.सरकार ने इस पर फैसला ले लिया है.
 
मंत्री विखे पाटिल ने आश्वासन दिया है कि अगर प्रदर्शनकारी इस प्रस्ताव काे स्वीकार करते हैं, ताे हम इसके लिए एक सरकारी आदेश जारी करेंगे. उप-समिति ने फैसला किया है कि कैबिनेट उप-समिति हैदराबाद गजेटियर काे लागू करने की प्रस्तावित मांग के लिए सरकार के फैसले काे मंजूरी दे रही है. इस सरकारी फैसले के अनुसार, अगर गांव, गांव, गाेत्र और रिश्तेदाराें के मराठा जाति के लाेगाें काे कुनबी जाति का प्रमाणपत्र मिला है, ताे उसकी जांच और प्रमाणपत्र जारी करने की कार्रवाई प्रस्तावित है, जिसका अर्थ है कि हैदराबाद राजपत्र काे तुरंत लागू करने काे मंजूरी दे दी गई है.हमने सरकार से सातारा राजपत्र लागू करने की मांग की थी. सरकार ने कहा है कि सातारा , पुणे और औंध राजपत्र के कार्यान्वयन की जांच के बाद निर्णय लिया जाएगा. हालांकि, सरकार के अनुसार, सरकार 15 दिनाें के भीतर कानूनी खामियाें काे दूर करके इसे लागू करने पर सहमत हाे गई है. अब हैदराबाद राजपत्र और सातारा राजपत्र दाे विषय हाे गए हैं, मनाेज जारांगे ने कहा.
 
अब सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा रिश्तेदाराें का है. रिश्तेदाराें की जांच नहीं हाे रही है.जाे शिकायतें आई हैं, उनकी अभी तक जांच नहीं हुई है. 8 लाख शिकायतें आई हैं. इसलिए सरकार कह रही है कि उन शिकायताें की जांच में समय लगेगा. हम समय देंगे, जरांगे पाटिल ने कहा.मुंबई हाईकाेर्ट में मंगलवार की सुनवाई खत्म हुई. आज दाेपहर 1 बजे काेर्ट इस मुद्दे पर फिर सुनवाई करेगा. मराठा आरक्षणके मुद्दे पर काेई ठाेस फैसला आने की संभावना है. जरागे के वकील सतीश माने ने काेर्ट से आज सुबह 11 बजे तक का समय देने का अनुराेध किया था. इसी के तहत काेर्ट ने यह समय दिया है.हमने सरकार से कहा था कि वह एक जीआर तैयार करे जिसमें कहा जाए कि मराठा-कुनबी एक हैं. लेकिन सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया जटिल है. इसके लिए उसे एक महीने का समय दें. मैंने सरकार से कहा है कि उसे एक महीने नहीं बल्कि दाे महीने में एक जीआर तैयार करना चाहिए जिसमें कहा जाए कि मराठा-कुनबी एक हैं. इसके लिए हम आपकाे दाे महीने का समय दे रहे हैं, जरांगे पाटिल ने कहा.