एएसएम नेक्स्ट-जेन कॉलेज का ‌‘आरंभ 2025 ' समारोह सम्पन्न

छात्र तकनीकी, प्रबंधकीय और अपना व्यावसायिक कौशल विकसित करें : डॉ. श्रीकांत सारडा

    30-Sep-2025
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तलेगांव दाभाड़े, 29 सितंबर (आ. प्र.)
एएसएम के नेक्स्ट-जेन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग का पहला आरंभ 2025 समारोह तलेगांव दाभाड़े में उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया. मुख्य वक्ता के रूप में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज की राष्ट्रीय समिति के सदस्य एवं एआई विशेषज्ञ डॉ. श्रीकांत सारडा उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता एएसएम के अध्यक्ष डॉ. संदीप पाचपांडे ने की. सावित्रीबाई फुले पुणे वेिशविद्यालय से मान्यता प्राप्त इस महाविद्यालय के सभागार में हुए कार्यक्रम में संचालिका प्रीति पाचपांडे, प्रा. डॉ. वी. पी. पवार, डॉ. श्याम माथुर, डॉ. राहुल पाटिल, डॉ. रूपा प्रवीण, डॉ. ललित कानोरे, डॉ. डेनियल पेंडकर, डॉ. संदीप साने, डॉ. सचिन कुलकर्णी, डॉ. हंसराज थोरा तथा प्राचार्य डॉ. प्रकाश कुलकर्णी सहित अनेक मान्यवर उपस्थित रहे. अपने स्वागत भाषण में डॉ. संदीप पाचपांडे ने कहा कि पिछले 40 वर्षों में एएसएम से 72 हजार से अधिक विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में सफलतापूर्वक कार्यरत ह्‌ैं‍. तलेगांव के 14 एकड़ परिसर में स्थापित नेक्स्ट-जेन कॉलेज संस्था की गौरवशाली शैक्षणिक परंपरा का यह नया प्रगतिशील कदम है. विद्यार्थियों को शैक्षणिक पाठ्यक्रम के साथ-साथ तकनीकी कौशल, सॉफ्ट स्किल्स और बिजनेस स्किल्स में दक्षता प्राप्त करनी चाहिए. नवाचार की लगन और शारीरिक- मानसिक सशक्तता से ही सफलता सुनिश्चित होगी. मुख्य वक्ता डॉ. श्रीकांत सारडा ने छात्रों को वैेिशक स्तर पर तेजी से बदलती तकनीक की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि अब केवल लर्निंग नहीं, बल्कि अनलर्निंग और प्रैक्टिकल लर्निंग की ओर बढ़ना आवश्यक है. इंजीनियरिंग छात्रों को अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर सामाजिक, राजनीतिक और औद्योगिक घटनाओं को समझना चाहिए्‌‍. यदि वे आवश्यक कौशलों को निरंतर विकसित करते हैं तो कॉर्पोरेट, व्यवसाय या उद्यमिता जैसे किसी भी क्षेत्र में सफलता पाना संभव है. प्राचार्य डॉ. प्रकाश कुलकर्णी ने अभिभावकों से विद्यार्थियों को अधिक समय कॉलेज में पढ़ाई और गतिविधियों में बिताने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया. कार्यक्रम में पाठ्यक्रम, शैक्षणिक योजनाएं, छात्रवृत्ति, खेल प्रतियोगिताएं और नई शिक्षा नीति के अंतर्गत इंटर्नशिप अवसरों की जानकारी दी गई. कार्यक्रम का स्वागत डॉ. मधुरा शुक्ला ने किया. संचालन डॉ. डी. डी. बालसराफ ने तथा आभार प्रदर्शन प्राचार्य डॉ. कुलकर्णी ने किया.