सारसबाग, 29 सितंबर (आ.प्र.)
भारतीय संस्कृति में पौराणिक कथाओं का महत्व अद्वितीय है. उन कथाओं में एकलव्य की गुरुभक्ति, गोरा कुंभार की विट्ठलभक्ति और भ्रष्टाचार जैसे आधुनिक राक्षस का वध, ऐसी अनेक कथाएं नाट्य प्रतियोगिता में दर्शकों के सामने प्रस्तुत की गईं. इसमें वेिशकर्मा विद्यालय मराठी माध्यमिक स्कूल ने खिताब जीता.श्री महालक्ष्मी मंदिर (सारसबाग) द्वारा आयोजित लोककथा नाट्य प्रतियोगिता का अंतिम दौर महालक्ष्मी मंदिर में आयोजित किया गया. इस प्रतियोगिता में पुणे शहर के 50 विद्यालयों ने भाग लिया. जिनमें से अंतिम 4 विद्यालयों ने मंदिर में अपनी प्रस्तुतियां दीं. इस अवसर पर संस्थापक ट्रस्टी राजकुमार अग्रवाल, ट्रस्टी डॉ. तृप्ति अग्रवाल, भारत अग्रवाल, प्रवीण चोरबेले, वेिशकर्मा प्रकाशन के विशाल सोनी, इतिहास के विद्वान संदीप तापकीर, वेिशकर्मा विद्यालय की निदेशक मधु शितोले, वेिशकर्मा विद्यालय की प्रधानाचार्य सुलभा देशमुख, सुनंदा सरडे सहित अभिभावक और छात्र उपस्थित थे. प्रतियोगिता में, वेिशकर्मा विद्यालय मराठी माध्यमिक को प्रथम स्थान के विजेता के रुप में 11,000 रुपये का नकद पुरस्कार और एक पदक, पुष्पा इंटरनेशनल स्कूल को द्वितीय स्थान विजेता के रुप में 7,000 रुपये का नकद पुरस्कार और एक पदक, तथा वेिशकर्मा विद्यालय मराठी प्राथमिक को तृतीय स्थान विजेता के रुप में 5,000 रुपये का नकद पुरस्कार और एक पदक प्रदान किया गया.प्रतियोगिता का निर्णायक का कार्य डॉ. मृणाल अन्नादते, संजय जोशी, रवीन्द्र सातपुते, अपूर्व भिलारे, माया कुरुलेकर, डॉ. राधाकृष्ण बटुले ने किया. कार्यक्रम का संचालन सतीश सहिन्द्रे ने किया.