महिलाओं में होती है पीढ़ियों को आकार देने की शक्ति

जाधवर इंस्टीट्यूट्स के आदर्श माता पुरस्कार समारोह में वरिष्ठ समाजसेवी पुष्पा नडे ने कहा

    04-Sep-2025
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JADHWAR
 
 
 
नर्हे, 3 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
हमें अपने जन्म में अच्छी चीजों का निर्माण करते रहना चाहिए. इसमें भी, एक महिला के रूप में जन्म लेना और भी सौभाग्य की बात है. क्योंकि, महिलाओं में ममत्वभाव होने से उनमें पीढ़ियों का निर्माण करने की शक्ति होती है. एक राजहंस दूध में मिले पानी को भी पहचान लेता है और शुद्ध दूध इकट्ठा कर लेता है. इसी तरह, हमें भी जीवन में अच्छी चीजों को चुनकर आगे बढ़ने वाला ‌‘राजहंस‌’ बनना चाहिए, ऐसे विचार वरिष्ठ समाजसेवी पुष्पा नडे ने व्यक्त किये. वह जाधवर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स द्वारा आयोजित सातवें आदर्श माता पुरस्कार समारोह में बोल रही थीं. इस कार्यक्रम में विमला भंडारी, कुशावर्ता गीते, प्रो. डॉ. ज्योत्स्ना एकबोटे को सम्मानित किया गया.
 
नर्हे स्थित संस्था के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व महापौर एड. कमल व्यवहारे, अक्षरधाम मंदिर (पवई) के वेिशानंद परमहंस सद्गुरु स्वामी, जीतो एपेक्स इंटरनेशनल के अध्यक्ष विजय भंडारी, तौरल इंडिया के संस्थापक भरत गीते, प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसाइटी की उप-कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. निवेदिता एकबोटे, संगठन के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. सुधाकर जाधवर, उपाध्यक्ष एडवोकेट शार्दुल जाधवर, कोषाध्यक्ष सुरेखा जाधवर उपस्थित थीं.
 
पुरस्कारों में एक प्रमाण पत्र, एक बैज, एक साड़ी और एक पुणेरी पगड़ी प्रदान की गई. यह कार्यक्रम हर साल संगठन की कोषाध्यक्ष सुरेखा जाधवर के जन्मदिन पर आयोजित किया जाता है. एड. कमल व्यवहारे ने कहा कि आजकल वृद्धाश्रमों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. वास्तव में, माता-पिता को अपने बच्चों और नाती-पोतों की खुशी और संतुष्टि देखकर ही असली खुशी मिलती है.
 
विजय भंडारी ने कहा, अगर आप पत्थर को मूर्ति बनाना चाहते हैं, तो आपको एक शिल्पकार की आवश्यकता होती है. इसी प्रकार, माताएं जीवन को दिशा देने और बच्चों को आकार देने का काम करती हैं. अगर माता-पिता को भगवान का दर्जा दिया जाए, तो वृद्धाश्रम की कोई जशरत नहीं होगी.भरत गीते, ज्योत्स्ना एकबोटे ने भी अपने विचार व्यक्त किए. एड. शार्दुल जाधवर ने प्रस्तावना रखी. प्राचार्य डॉ. सुधाकर जाधवर ने धन्यवाद ज्ञापन किया.