नुकसान की भरपाई के लिए अगले साल और तेजी से प्रयास करेंगे

    31-Oct-2020
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ताे क्या हुआ अगर हम महामारी के कारण इस वर्ष वांछित गति से आगे नहीं बढ़ सके. हम अगले साल नुकसान की भरपाई के लिए और तेजी से प्रयास करेंगे. इन शब्दाें में 5 ट्रिलियन डाॅलर अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य पर प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने आत्मविश्वास जताया है. प्रधानमंत्री माेदी ने काेराेना और अन्य विषयाें पर दिये एक विशेष साक्षात्कार में अर्थव्यवस्था, आत्मनिर्भर भारत और पिछले कुछ महीनाें में सरकार के कार्यकलाप के बारे में विस्तार से चर्चा की. पेश है उसके कुछ अंश..
 
प्रश्न : काेविड-19 के झटके काे देखते हुए, 2024 तक पांच ट्रिलियन डाॅलर के लक्ष्य काे लेकर हम कहां खड़े हैं..?
प्रधानमंत्री - ताे क्या हुआ अगर हम महामारी के कारण इस वर्ष वांछित गति से आगे नहीं बढ़ सके. हम अगले साल नुकसान की भरपाई के लिए और तेजी से प्रयास करेंगे. क्रय शक्ति की समानता के मामले में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. हम चाहते हैं कि भारत वर्तमान अमेरिकी डाॅलर की कीमताें के साथ ही तीसरा सबसे बड़ा देश बन जाए. पांच ट्रिलियन डाॅलर का लक्ष्य हमें यह प्राप्त करने में मदद करेगा.
 
प्रश्न : टीका उपलब्ध हाेने के बाद उसके वितरण और टीकाकरण की प्राथमिकताओं पर कुछ साेच है..?
प्रधानमंत्री: मैं देश काे आश्वस्त करना चाहूंगा कि जब और जैसी वैक्सीन उपलब्ध हाे जायेगी, सभी काे टीका लगाया जाएगा. काेविड-19 वैक्सीन प्रशासन पर एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया है. राज्य, जिला और स्थानीय स्तर पर समर्पित टीमें यह देखेंगी कि टीका वितरण और प्रशासन व्यवस्थित और जवाबदेह तरीके से किया जाये.
 
प्रश्न : लाॅकडाउन के माध्यम से काेराेना वायरस के खिलाफ लड़ाई के बारे में आपका क्या मूल्यांकन है कि हमारा प्रदर्शन कैसा रहा..?
प्रधान मंत्री: इस नए अज्ञात दुश्मन से निपटने के दाैरान ही हमारी प्रतिक्रिया भी विकसित हुई है. हमें अपने काेराेना वायरस से युद्ध का आकलन इस बात से करना चाहिए कि हम कितनी िंजदगियां बचा पाये.
 
प्रश्न : लेकिन क्या व्यापक रूप से आपकी अपेक्षा के अनुरूप काम हुआ या आपकाे लगातार बदलाव और नवाचार करना पड़ा..?
प्रधान मंत्री : हमने आगे बढ़ कर सक्रिय हाेने का फैसला किया और समय पर देशव्यापी लाॅकडाउन शुरू किया. हमें न केवल लाॅकडाउन के विभिन्न चरणाें के लिए व्यापक समय मिला बल्कि हमें अनलाॅक प्रक्रिया भी सही मिली जिससे हमारी अर्थव्यवस्था का अधिकांश हिस्सा भी पटरी पर आ रहा है. समय पर लाॅकडाउन लगाने के अलावा, भारत मास्क पहनने काे अनिवार्य करने, कांटैक्ट ट्रेसिंग एप्लिकेशन का उपयाेग करने और रैपिड एंटीजन परीक्षण की व्यवस्था करनेवाले पहले देशाें में से एक था.
 
प्रश्न: हाल के रुझान सक्रिय और घातक दाेनाें मामलाें में कमी दर्शा रहे हैं. क्या आप भी सरकार के पास उपलब्ध आंकड़ाें के आधार पर इस बात से सहमत हैं..?
प्रधान मंत्री: यह एक नया वायरस है. नए मामलाें, मृत्यु दर और कुल सक्रिय मामलाें की हमारी नवीनतम संख्या कुछ समय पहले की तुलना में कम हाेने का संकेत देती है, फिर भी हमें आत्मसंतुष्ट हाे कर नहीं बैठ जाना है. मुझे लगता है कि हमें स्थिति काे संभालने के लिए अपनी क्षमताओं काे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
 
 
केंद्र और राज्य सरकार से सहयाेग के बारे में
  • केंद्र-राज्य संबंध जीएसटी तक सीमित नहीं है. जब हमारा राजस्व गिर गया तब भी हमने राज्याें के धन के प्रवाह काे बनाए रखा.
  • काेविड-19 महामारी काे देखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए राज्याें काे सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 2% तक की अतिरिक्त उधार सीमा की भी अनुमति दी है. यह 4.27 लाख कराेड़ की राशि राज्याें काे उपलब्ध कराई जा रही है.
  • केंद्र ने जून 2020 में राज्याें काे पहले ही 0.5% जुटाने की अनुमति दे रखी है. इससे राज्याें काे 1,06,830 कराेड़ की अतिरिक्त राशि उपलब्ध हुई है.
  • राज्याें के अनुराेध पर, राज्य आपदा प्रतिक्रिया काेष (एसडीआरएफ) का उपयाेग करने की सीमा 35% से बढ़ाकर 50% कर दी गई है.
  • केंद्र और राज्य सरकारें एक टीम की भांति सहज तरीके से काम कर रही हैं, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र एक साथ आए हैं, सभी मंत्रालय कंधे से कंधा मिलाकर विविध जिम्मेदारियाें में व्यस्त हैं, और लाेगाें की भागीदारी ने एकजुट और प्रभावी लड़ाई सुनिश्चित की है.