
भाेजन के साथ जाे वसा हम लेते हैं, उन्हें परिवर्तित कर हमारा शरीर काेलेस्ट्राेल का निर्माण करता है. एलडीएल काेलेस्ट्राॅल का स्तर कम करने के लिए हमें सीमित मात्रा में वसा का सेवन करना चाहिये. इसके अलावा अपने भाेजन सम्बन्धी आदताें में कुछ सुधार कर हम बैड काेलेस्ट्राेल से निजात पा सकते हैं. चलिये, जानते हैं कुछ ऐसे खाद्य पदार्थाें के बारे में जिनका सेवन कर शरीर के लिए खतरनाक खराब काेलेस्ट्राेल की मात्रा काे नियंत्रित किया जा सकता है-
चाय : कुछ लाेग चाय काे नापंसद करते हैं, लेकिन क्या आपकाे पता है नियमित रूप से चाय का सेवन करने से काेलेस्ट्राॅल नियंत्रित रहता है. ग्रीनटी हाे या ब्लैक-टी दाेनाें ही इस खराब काेलेस्ट्राॅल की दुश्मन हैं. ग्रीन-टी में कैटेचिन्स नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जाे काेलेस्ट्राल काे कम करता है. कैटेचिंस नामक एंटीऑक्सीडेंट ब्लैक-टी, चाॅकलेट और अंगूर में भी पाया जाता है.
दालें और ओट्स : दालें शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हाेती हैं. खराब काेलेस्ट्राॅल काे कम करने वाला सबसे अच्छा फाइबर दालाें में पाया जाता है. दालाें में प्राेटीन, कार्बाेहाइड्रेट, विटामिन, फॉक्सफोरस और खनिज तत्व पाये जाते हैं, जाे हृदय काे स्वस्थ बनाये रखने में मदद करते हैं. अरहर, उड़द, मूंग आदि दालें खाने से एलडीएल काेलेस्ट्राॅल कम हाेता है.ओट्स काे हम र्सिफ स्वादहीन दलिया के रूप में ही देखते हैं, जबकि इसके फायदे अनेक हैं. शरीर में खराब काेलेस्ट्राेल का स्तर नियंत्रित रखने के लिए अपने आहार में जई काे शामिल कीजिये. जई में घुलनशील फाइबर, प्राेटीन और शुगर हाेता है. जई का इस्तेमाल ब्रेड, बेकिंग और नाश्ते के अनाज (सेरेल्स) के रूप में किया जाता है. इसमें अधिक फाइबर हाेने की वजह से काॅलेस्ट्राॅल नियंत्रण में रहता है और हृदय की मांसपेशियाें काे मजबूती मिलती है.
नाशपाती और मेवे : नाशपाती काे अपने डाइट चार्ट में शामिल कीजिए. नाशपाती में हमारे शरीर के लिए जरूरी सभी प्राकृतिक विटामिनाें, खनिज, एंजाइम और पानी में घुलनशील ाइबर समृद्घ मात्र में पाये जाते हैं. नाशपाती में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जाे एलडीएल काे कम करता है. नाशपाती में माैजूद पैक्टिन नामक घुलनशील फाइबर रक्त काेलेस्ट्राॅल और सेलूलाेज के स्तर काे नियंत्रित करता है. खराब काेलेस्ट्राॅल काे कम करने के लिए एक अपने आहार में अखराेट, बादाम, काजू, पिस्ता आदि शामिल करें. इसमें कई तरह के एंटी- ऑक्सीडेंट हाेते हैं. बादाम में माैजूद वसा बहुत फायदेमंद हाेती है. यह अच्छे काॅलेस्ट्राॅल का स्तर बढ़ाती है. प्रतिदिन तीन या चार बादाम खाने से दिल और दिमाग दुरुस्त रहते हैं. इन्हें पानी में भिगाेकर या भीगे बादामाें काे शहद में पीसकर खाने से इसके तमाम गुणाें का फायदा हमारे शरीर काे हाेता है. खाना खाने के बाद नियमित अंतराल पर इसे खाया जा सकता है.