उदयपुर में नई प्रजाति की चिड़िया मिली

    29-Nov-2020
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चिड़िया का वैज्ञानिक नाम ‘पेलाेर्नियस रूफीसेप्स’
 
राजस्थान के उदयपुर जिले में फुलवारी की नाल वन्यजीव अभयारण्य में नई प्रजाति की बैबलर चिड़िया मिली है. एक नई प्रजाति की बैबलर चिड़िया की खाेज के रूप में खाेजा गया यह एक छाेटा रेजीडेंट पक्षी थ्राेटेड बैबलर है, जिसका वैज्ञानिक नाम ‘पेलाेर्नियस रूफीसेप्स’ है.
 
राज्य के ख्यातनाम पर्यावरण वैज्ञानिक और टाइगर वाॅच के फील्ड बाॅयाेलाॅजिस्ट डाॅ. धर्मेन्द्र खण्डाल, दक्षिण राजस्थान में जैव विविधता संरक्षण के लिए कार्य कर रहे पर्यावरण वैज्ञानिक डाॅ. सतीश शर्मा एवं हरकीरत सिंह संघा ने इसकी खाेज की है. यह बैबलर प्रजाति भारत के सतपुड़ा बिहार एवं उडीसा के पठारी क्षेत्र, पूर्वी एवं पश्चिमी घाट के क्षेत्र, राजमहल पहाडिया (मध्य पश्चिमी बिहार), केरल के पलक्कड (पालघाट) क्षेत्र, चितेरी पहाडिया आदि क्षेत्राें में पाई जाती है.
 
प्रमुख बातें- यह चिड़िया एक वेबलर वर्ग का सदस्य है. जिसकी चाेंच एवं पैर लालिमा लिए हुए हल्के गुलाबी हाेते हैं. सिर का रंग हल्का चाॅकलेटी तथा पीठ का रंग हल्का काला, गला एकदम सफेद तथा छाती पर टूटती गहरी धारियां हाेती हैं. आंख के ऊपर सफेद रंग की धारी काली लंबी हाेकर पीेछे गर्दन तक फैली रहती है. यह जाेड़े या छाेटे दलाें में रहकर जंगल में नीचे गिरी पड़ी पत्तियाें के झुरमुट में भूमि पर पड़े कीड़े-मकाेड़े खाती है.