जाे कार्य किया ही नहीं, उसका श्रेय लेने का प्रयास

    01-Dec-2020
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भाजपा शहराध्यक्ष जगदीश मुलीक ने एनसीपी विधायक सुनील टिंगरे पर आराेप लगाया
 
शहर के पूर्व क्षेत्र की पानी समस्या हल करने भामा-आसखेड़ पानी सप्लाई याेजना अहम भूमिका निभाने वाली है. इस याेजना का सिविल वर्क पूरा हाे गया है. अब पानी सप्लाई का ट्रायल शुरू हाेगा. एक ओर जहां याेजना से शहर के वड़गांवशेरी विधानसभा क्षेत्र काे पर्याप्त पानी सप्लाई हाेने वाली है, उस वक्त दूसरी ओर भाजपा और एनसीपी आमनेसामने आ गई हैं. दाेनाें के पूर्व तथा वर्तमान विधायक द्वारा याेजना के कार्य काे लेकर एक दूसरे पर आराेप-प्रत्याराेप लगाए जा रहे हैं.
 
भाजपा शहराध्यक्ष तथा पूर्व विधायक जगदीश मुलीक ने विधायक सुनील टिंगरे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, भामाआसखेड़ प्राेजे्नट पूरा हाे रहा है. उस वक्त जाे कार्य किया नहीं, उसका श्रेय लेने का प्रयास जारी है. इस प्राेजे्नट के लिए विधायक द्वारा जीराे बजट दिया गया है. इसलिए याेजना का श्रेय लेने का प्रयास न करें. याेजना का कार्य पिछले 6 वर्षाें से जारी है. हमने लगातार फाॅलाेअप कर याेजना के कार्य में गति लाई है. स्थायी समिति के तत्कालीन अध्यक्ष याेगेश मुलीक ने करीब 185 कराेड़ रुपए का प्रावधान किया. जिससे प्राेजे्नट से बाधित हाेने वालाें का पुनर्वसन और विकासकार्य किए गए. स्थायी समिति के वर्तमान अध्यक्ष हेमंत रासने काे निर्देश देकर इस वर्ष मनपा के बजट में जरूरी रकम का प्रावधान किया. कुछ प्राेजे्नट बाधिताें काे प्रति हे्नटेयर 15 लाख रुपए देकर उनका पुनर्वसन करने का निर्णय तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने लिया. पिछले एक वर्ष में विधानसभा क्षेत्र में एक भी विकास कार्य नहीं किया. जीराे फंड का प्रावधान ही माना जा सकता है. इससे निराश हुए वर्तमान विधायक जाे कार्य किया नहीं, उसका श्रेय लेने का व्यर्थ प्रयास कर रहे हैं.
 
भाजपा द्वारा लगाए गए आराेपाें का जवाब देते हुए एनसीपी विधायक सुनील टिंगरे ने भाजपा की असफलता पर जाेरदार हमला किया. सुनील टिंगरे ने कहा कि, भामा-आसखेड़ याेजना का कार्य राज्य में एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार थी, उस वक्त शुरू हुआ. बाद में भाजपा की सत्ता आने के बाद भाजपा के तत्कालीन विधायक काे याेजना का कार्य समय पर पूरा करना संभव नहीं हुआ. खुद की असफलता काे छिपाने मनगढंत आराेप किया है. भामा-आसखेड़ याेजना का कार्य दाे वर्ष बंद था. मुख्यमंत्री भाजपा का, पुणे का पालकमंत्री भाजपा का, वड़गांवशेरी का विधायक भाजपा का तथा मनपा में सत्ता भी भाजपा की थी. फिर भी भामा-आसखेड़ याेजना पूरी करने भाजपा असफल रही. इस याेजना के लिए जेएनएनयूआरएम याेजना के अंतर्गत 380 कराेड़ रुपयाें का फंड मंजूर हाे गया था.उसी वक्त मनपा का हिस्सा तय हाे गया था. इसलिए स्थायी समिति के अध्यक्षाें ने केवल उसकी प्रक्रिया पूरी की.