कार्तिक पूर्णिमा पर शत्रुंजय तीर्थ प्रतिकृति की पूजा

    01-Dec-2020
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श्रुतभवन संशाेधन केंद्र में पूज्य वैराग्यरतिविजयजी के सानिध्य में चातुर्मास का समापन 
 
श्रुतभवन संशाेधन केंद्र में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शत्रुंजय तीर्थ की प्रतिकृति की पूजा की गई. यह कार्यक्रम मुनि.वैराग्यमूर्ति विजयजी और साध्वीजी की उपस्थिति में संपन्न हुआ. इस अवसर पर संस्था के सचिव राजेंद्र बांठिया, ललित गुंदेचा, मनाेज शाह, वर्धमान जैन, ओम ओसवाल, आशुताेष शाह, याेगेश शाह, नवीन दलाल आदि उपस्थित थे.
 
कार्तिक पूर्णिमा पर शत्रुंजय तीर्थ (पालीताणा, गुजरात) की यात्रा करने का बड़ा महत्व है लेकिन सभी के लिए यह संभव नहीं हैं. इसलिए जैन मंदिराें में शत्रुंजय तीर्थ की प्रतिकृति तैयार कर पूजा की जाती है.
 
जिससे पालिताणा तीर्थ की यात्रा करने जैसा लाभ श्रद्धालुओं काे प्राप्त हाेता है. इस अवसर पर श्रुतभवन संशाेधन केंद्र में पूज्य वैराग्यरतिविजयजी म.सा.और साध्वी नमिवर्षाश्रीजी म.सा. के सांनिध्य में चातुर्मास का समापन, शत्रुंजय वंदन और कालिकाल सर्वज्ञ के ग्रंथ और साहित्य की प्रदर्शनी का आयाेजन किया गया था.
 
जैन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
  • इस दिन श्री शत्रुंजय महातीर्थ पालीताणा शाश्वत गिरीराज की यात्रा िफर से शुरु हाेती है.
  • आज के दिन द्राविड़ एवं वारिखिल्लजी 10 कराेड़ मुनियाें के साथ तीर्थ में से माेक्ष के लिए गए थे. ऐसा कहा जाता है.
  • चातुर्मास संपन्न कर कार्तिक पूर्णिमा के दिन जैन साधु-साध्वी विहार करते हैं 
  • 12वीं सदी के महान संत और विद्वान श्रीमदविजय हेमचंद्राचार्य भगवंत की जयंती भी मनाई जाती है.