डायटिंग से जुडे भ्रम अ्नसर हमारी सेहत से खिलवाड कर जाते हैं और फिर हम डॉक्टर की शरण में चले जाते हैं : सावधानी जरूरी
मिथक १ : ज्यादा प्रोटीन-कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट है सही
पोषक तत्वों का यह मेल वजन घटाने में कारगर होता है, यह एक भ्रम है| डाइट में प्रोटीन की मात्रा को बढाने के च्नकर में कहीं आप बीमारियों को न्यौता न दे बैठें| ज्यादा प्रोटीन यु्नत डाइट लेने से आप जाने-अनजाने शरीर में वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी बढा लेती हैं| ऐसा करना दिल की बीमारियों को सीधी दावत देना है| इसके अलावा यदि सिङ्र्क फल और सलाद पर आपकी डाइट टिकी है तो कब्ज की शिकायत के साथ ही आपको थकान, जी मिचलाना और कमजोरी महसूस हो सकती है| डाइट में प्रोटीन की मात्रा बढाने के साथ ही व्यायाम करना जरूरी हो जाता है| कार्बोहाइड्रेट पर कैंची चलाने से पहले यह जान लें कि हर दिन इसकी १३० ग्राम की मात्रा शरीर के लिए बेहद जरूरी है| इससे कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से यूरिक एसिड का बढना, किडनी स्टोन और पेट की समस्याएं खडी हो सकती हैं| इस प्लान से वजन तो कम होगा लेकिन कुछ समय के लिए| सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि आप प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का सेवन हमेशा सही अनुपात में करें|
डायटिंग शुरू करते ही हम कुछ खाद्य पदार्थों से दूरी बना लेते हैं, जैसे चावल, आलू और केला| लेकिन इन खाद्य पदार्थों से ज्यादा दिनों तक दूर रहना संभव नहीं है| इनसे लंबे समय तक दूरी रखने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है| नर्चर जोन की डाइटीशियन प्रियंका qसह बताती हैं कि सभी खाद्य पदार्थों में जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए अहम हैं| केले मेें पोटैशियम होता है, जो शरीर में सोडियम के स्तर को कम करता है| सोडियम र्नतचाप को प्रभावित करता है, अच्छी मात्रा में विटामिन और फाइबर होता है| इसी तरह चावल से आपको कार्बोहाइड्रेट के अलावा विटामिन बी१ मिलता है| डायटिंग के दौरान किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन पूरी तरह से बंद नहीं करें बल्कि उसे सही मात्रा और सही तरीके से खाएं| यह मात्रा डाइटीशियन आपके वजन अनुसार तय करेगा|
मिथक ३ : पतले होने के लिए डाइट सोडा?
डाइट सोडा में कैलोरी कम होती है, लेकिन वजन कम होने से इसका कोई संबंध नहीं है| इसके विपरीत नियमित रूप से डाइट सोडा पीने से आपका वजन बढ सकता है| दरअसल, इसमें चीनी नहीं होती जिसके कारण डाइट सोडा में कैलोरी कम होता है| लेकिन, इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले आटीफीशियल स्वीटनर भूख में इजाफा जरूर कर देते हैं, नतीजा मोटापा|
प्रियंका के अनुसार यह भ्रम है| खानपान में संतुलन बेहद जरूरी है| खाने के बीच में लंबे अंतराल की वजह से आप सामान्य से ज्यादा खाना खा सकती हैं| वजन कम करना है तो हर तीन से चार घंटे पर सीमित मात्रा में कुछ सेहतमंद खाद्य पदार्थ खाएं|
मिथक ५ : सफेद नहीं, ब्राउन बे्रड अपनाएं
दोनों ब्रेड में मैदा होता है| जो वजन बढाने का ही काम करेगा| बकौल प्रियंका, ब्राउन बे्रड से कुछ खास फायदा नहीं होता है| अगर वजन कम करना है तो बेहतर होगा कि ब्रेड खाना ही बंद कर दें| अगर यह नहीं कर सकतीं तो १००% होल व्हीट लिखा देखकर ही बे्रड खरीदें| मल्टी ग्रेन बे्रड भी अपना सकती हैं|
मिथक ६ : पसीना बहाओ, वजन घटाओ
पसीना बहाना जरूरी है, लेकिन आपके शरीर के तापमान को संतुलित बनाए रखने के लिए| पसीना बहाने से वजन घटता है, यह सिर्फ एक भ्रम भर है|
जानकारों की मानें तो कॉफी से वजन पर कुछ खास फर्क नहीं पडता| दिन की एक या दो कप कॉफी वजन पर कोई असर नहीं डालती| अगर आप इससे ज्यादा कॉफी पिएंगी तो नींद में कमी या हाई बीपी जैसी सेहत से जुडी समस्याओं से आप घिर सकती हैं|
मिथक ८ : लो कैलोरी और कैश डायटिंग
पतले होने के लिए कैलोरी में कटौती जरूरी तो है, लेकिन एक हद तक| शरीर को प्रतिदिन १५०० से ३५०० कैलोरी की आवश्यकता पडती है| इससे कम कैलोरी शरीर के अंदरूनी अंगों की काङ्र्मक्षमता प्रभावित कर सकती है| कै्रश डायटिंग में जल्दबाजी न दिखाएं| अच्छे परिणाम के लिए आहार और व्यायाम के बीच संतुलन बनाएं|