नागपुर सेंट्रल जेल के ८०% कैदी होंगे रिहा

    03-Apr-2020
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पैरोल पर छोडे गए कैदियों को निश्चित अवधि के बाद आना होगा वापस
 
कोरोना के संक्रमण का डर जेल में बंद कैदियों को भी सताने लगा है. वह जेल की सलाखों के पीछे से छूटकर अपनों के बीच रहना चाहते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नागपुर की सेंट्रल जेल ने ८०% कैदियों की रिहाई की सूची तैयार कर सरकार को भेज दी है. सरकारी आदेश आते ही जेल से कैदियों को छोडने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. इस बारे में कुछ कैदियों के मन में नाराजगी है. उनका कहना है कि उन्हें जानबूझकर नहीं छोडा जा रहा है. जेल प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि जो शातिर अपराधी है, उन्हें जेल में रखा जाएगा. उन्हें किसी भी कीमत पर जेल से रिहाई नहीं मिलेगी. इस जेल में कुख्यात अपराधी संतोष आंबेकर व मकोका के कई अपराधी बंद हैं.
 
पैरोल पर छोडे गए कैदियों को आना होगा वापस
जेल से पैरोल पर छोडे गए कैदियों को उनका पैरोल खत्म होते ही जेल में वापस आना होगा. पैरोल का समय करीब ४५ दिन का होता है. यह विभागीय आयुक्त के आदेश पर मिलता है. उन्हें किसी भी तरह से पैरोल खत्म होने पर जेल में वापस आना है, जो कैदी वापस नहीं आएंगे, उन्हें फरार या भगौडा घोषित कर दिया जाएगा. सरकार की ओर से इस सूची को मंजूरी मिल जाती है तो नागपुर की सेंट्रल जेल से करीब ८० प्रतिशत कैदी रिहा हो जाएंगे. रिहा होने वाले कैदियों में ज्यादातर उन कैदियों का समावेश है जिनको ७ वर्ष से कम की सजा हुई है. इन कैदियों की रिहाई के बाद जेल आधे से ज्यादा खाली हो जाएगी.
 
क्षमता से अधिक कैदी
सेंट्रल जेल में इन दिनों क्षमता से अधिक कैदी हैं. इन कैदियों में कुख्यात अपराधी, गैंगस्टर और अन्य तरह के अपराधियों का समावेश है. कोरोना के संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने जेल में बंद कैदियों को रिहा करने का निर्णय लिया है. यह रिहाई एक निश्चित समय तक के लिए दी जाएगी.
 
कैदी को कोरोना होने की उडी अफवाह
सेंट्रल जेल में बंद एक कैदी को तेज बुखार था. किसी ने उसे कोरोना का रोगी बता दिया. फिर क्या था पूरी जेल में अफवाह फैल गई कि एक कैदी को कोरोना हो गया है. जेल प्रशासन भी सकते में आ गया. जेल प्रशासन ने इस कैदी को जेल के अस्पताल में भर्ती किया. उसे सर्दी के साथ बुखार भी हो गया . तब उसे मेडिकल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया, जहां पर उसका कोरोना की जांच कराई गई्. उसकी रिपोट निगेटिव आने पर जेल के अधिकारियों-कर्मचारियों के अलावा दूसरे कैदियों ने भी राहत भरी सांस ली.