
गेहू के ज्वारे बहुत से विटामिन और खनिजों का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. इसमें १७ तरह के अमीनो एसिड होते है. जो शरीर को अनेक बीमारियों से बचाते है.गेहू के ज्वारे के फायदों के बारे में जानकारी देता आलेख.
अनेक खूबियों से भरे गेहूं के ज्वारे में विटामिन, कैल्शियम, आयोडीन, qजक, आयरन समेत कई जरूरी तत्व भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते है.आमतौर पर गेहूं के ज्वारे को पौधे के बढने और भूरे रंग में बदलने से पहले काटा जाता है और फिर पानी में भिगोकर पी लिया जाता है.
मोटापे को करे नियंत्रित : गेहू के ज्वारे के रस में अधिक मात्रा में फाइबर होने की वजह से ये वजन घटाने में सहायक होते है.यह शरीर को वसा की खपत के लिए ऊर्जा प्रदान करता है. इस तरह व्यायाम के जरिए वजन को घटाने में मदद मिलती है. गेहूं के ज्वारे से तैयार पाउडर को जूस में मिलाकर भी पी सकते है.
आथ्र्राइटिस को करे दूर : आथ्र्राइटिस को दूर करने के लिए गेहूं के जूस का उपयोग लाभकारी होता है. इसमें बहुत से प्रतिरोधक गुण होते है.जो आथ्र्राइटिस के प्रभाव को कम करने में हमारी मदद करते है.
एसिडिटी को दूर भगाए : गेहूं के ज्वारे शरीर में पीएच के स्तर को संतुलित कर समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाते है.गेहूं के ज्वारे का जूस पीने से एसिडिटी की समस्या ठीक हो जाती है, दस्त और पेट दर्द से भी राहत मिलती है.
रक्तचाप रखे संतुलित : लाल र्नत कोशिकाओं को बढाने में गेहूं के ज्वारे अहम रोल अदा करते है.र्नतचाप को नियंत्रित कर, र्नत के स्तर को बनाए रखने में ये मदद करते हैं. इसमें ऑ्नसीजन की मात्रा भरपूर होती है. जो र्नत को शुद्ध करने में भी सहायक होती है.
गेहूं के ज्वारे की तासीर : इसकी तासीर ठंडी होती है, जिस कारण इसका इस्तेमाल गर्मियों में अधिक किया जाता है. दरअसल, ये शरीर में ठंडक पहुंचाता है. इसका सेवन उचित मात्रा में ही किया जाना चाहिए, ताकि शरीर को किसी तरह का नुकसान न झेलना पडे.
कॅन्सर रोकने में सहायक : गेंहू के ज्वारे के जूस में शामिल एंटी ऑक्सीडेंट शरीर में उपस्थित विषाणुओं को दूर करने में प्रभावी ढंग से काम करते है.कॅन्सरके उपचार में भी इसका उपयोग किया जाता है. यह मुंह के कॅन्सरके खतरे को कम करने में अधिक सफल होता है. यह कोलोन कॅन्सरकी कोशिकाओं का नष्ट कर उसके विकास की दर को मंद करने में सहायक होता है.
रस बनाने की विधि
१० से १२ गमलों में मिट्टी भरकर उसमें गेहूं के दाने बो दें और छाया में, कमरे या फिर बरामदे में रखकर थोडा-थोडा पानी डालते रहें. तीन-चार दिन बाद पौधे उग जाएंगे. कुछ गेहू के ज्वारों को जड सहित उखाडकर, उसकी जडों को काटकर फेंक दें. बचे हुए डंठल और पत्तियों को धोकर साफ सिल-बट्टे पर थोडे पानी के साथ पीसकर लगभग आधा गिलास रस तैयार कर लें और रोगी को तत्काल दें. इसके पूर्व आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
ध्यान रखें
यदि गेहूं के ज्वारे का रस अधिक मात्रा में लिया जाए तो इसके कुछ नुकसान भी हो सकते है.
कुछ लोगों को गेहूं का जूस पीने के बाद घबराहट, कब्ज या उल्टी की समस्या आ सकती है. ऐसा इसमें उपस्थित फायबर की अधिकता के कारण हो सकता है.कब्ज की समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इसका सेवन करें.
कभी-कभी गेहूं के पौधे बै्नटीरिया या अन्य हानिकारक विषाणुओं से यु्नत होते है.यदि आप गेहूं का जूस घर पर बना रहे है.तो इसकी साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें. आपको गेहूं से संबंधित किसी भी प्रकार की एलर्जी है तो इसका सेवन विशेषज्ञ की सलाह से ही करें.