लॉकडाउन में ढील देते हुए दुकानें खोलने की अनुमति मिलने के बाद शहर के कुछ भागों में बुधवार को दुकानें खुली रहीं. किस दिन कौन-सी दुकानें शुरू रहेंगी, इस विषय में मनपा द्वारा टाइम-टेबल जारी किया गया है. टाइम-टेबल के अनुसार बुधवार को जिन दुकानों को अनुमति थी, वे सभी खुली रहीं. पुणे व्यापारी महासंघ द्वारा मंगलवार की रात आयोजित ऑनलाइन बैठक में दुकानें खोलने के विषय में चर्चा हुई व मनपा के आदेश व सभी नियमों का कडाई से पालन करते हुए दुकानें खोलने की अनुमति दी गई. इसके चलते करीब ६२ दिनों के बाद लक्ष्मी रोड स्थित कई दुकानों के शटर बुधवार को खुले रहे. इनमें सर्राफा दुकानों की संख्या सर्वाधिक थी. अन्य व्यापार बंद होने से लक्ष्मी रोड पर हमेशा रहने वाली भीड की तुलना में ग्राहकों की संख्या बहुत कम रही. साथ ही दुकानदारों ने भी ग्राहकों के लिए सैनिटाइजर, शरीर का टेम्प्रेचर दर्ज करने वाली मशीन, नाम एवं पता दर्ज करने हेतु रजिस्टर आदि व्यवस्थाएं दुकान के बाहर की गई थीं.
दुकानें तो खुलीं, मगर ग्राहकों व स्टाफ की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई. व्यापारियों का कहना है कि बाजार में हमेशा की तरह चहल-पहल पुन: शुरू होने में अभी कुछ दिन का समय और लगेगा. शहर के मुख्य भाग की तुलना में उपनगरों में यातायात व दुकानें ज्यादा सक्रिय पाई गईं. कुछ दुकानों में तो सिङ्र्क स्वच्छता का ही काङ्र्म चलता रहा. मनपा द्वारा टाइम-टेबल निर्धारित किए जाने से सभी दुकानें एक साथ नहीं खोली जा सकतीं. साथ ही शहर की कुछ सडकें भी अब तक खोली नहीं गई हैं.. इस वजह से लोगों के लिए दुकानों तक पहुंचना संभव नहीं है. शहर में भवानी पेठ, कसबा-विश्रामबागवाडा क्षेत्रीय काङ्र्मालय परिसर अभी तक रेड जोन में शामिल हैं.. इस वजह से शहर का सबसे बडा तथा होलसेल दुकानों वाला बाजार बंद ही है. बुधवार को प्लास्टिक, लोहा, पत्रा, ऑटोमोबाइल, टिम्बर मार्केट, मोबाइल व इले्नट्रॉन्निस, इले्िनट्रकल्स, खाद्य तेल, बांबू व ट्रांसपोट आदि व्यवसाय बंद रहे. इससे उपनगरों के छोटे रिटेलर्स प्रभावित होंगे, ्नयोंकि इन दुकानों के खुलते ही उनका माल समाप्त हो जाएगा. होलसेलर्स की दुकानें बंद रहीं तो कुछ चीजों की कमी हो जाने की आशंका है.