समिति में करोडों के अनावश्यक खर्च को मंजूरी पर आपत्ति जताते हुए विपक्षियों ने आरोप लगाया
पिंपरी-चिंचवड मनपा के सत्ताधारियों, मनपा प्रशासन एवं स्टोर विभाग द्वारा कोरोना महामारी का लाभ उठाते हुए पिछले दो महीनों में सीधी खरीदी के जरिए भारी लूट किए जाने की बात उजागर हुई है. अब स्थायी समिति के माध्यम से मनपा की तिजोरी में सेंध लगाई जा रही है.
खर्च में वृद्धि के ऐसे प्रस्ताव जो एजेंडे में शामिल नहीं हैं., उन्हें मंजूरी देते हुए भारी खर्च को मंजूरी दी जा रही है. बुधवार को हुई बैठक में भी यही बात देखी गई. जो अत्यावश्यक वस्तुओं में शामिल नहीं है, ऐसे प्रस्तावों को खामोशी के साथ मंजूरी दी गई. महामारी के दौर में भी स्थायी समिति करदाताओं को ठग रही है. यह आरोप विपक्षियों ने लगाया है. बुधवार को संतोष लोंढे की अध्यक्षता में संपन्न हुई स्थायी समिति की बैठक में १५ प्रस्ताव पेश किए गए. ये सभी प्रस्ताव अत्यावश्यक खर्च से संबंधित न होने के बावजूद उन्हें खामोशी से मंजूरी दी गई. उनके अलावा ७ ऐसे प्रस्ताव पेश किए गए जो एजेंडे में शामिल नहीं थे. उन्हें भी तुरंत मंजूरी दी गई. कोरोना की पृष्ठभूमि पर बजट में किए गए प्रावधान का सिर्फ ३३% भाग ही खर्च किया जा सकता है. इस विषय में स्पष्ट आदेश के बावजूद स्थायी समिति के जरिए पुराने देयकों की अदायगी के रूप में निर्धारित सीमा से ज्यादा राशि खर्च करने का सिलसिला जारी है.
आचार्य अत्रे सभागृह का काङ्र्म घटिया दर्जे का हुआ. इस वजह से पिछले एक साल से बकाया रखी गई ४५ लाख रुपए की राशि के भुगतान के प्रस्ताव को तुरंत मंजूरी दी गई. उल्लेखनीय है कि यह काङ्र्म ९९% ही पूर्ण हुआ है, इस बात का उल्लेख प्रस्ताव में भी किया गया था, मगर ऐन व्नत पर रखे गए इस प्रस्ताव को तुरंत मंजूरी दी गई. घटिया दर्जे के तथा अपूर्ण कार्य के विषय में बैठक में औपचारिक चर्चा भी नहीं हुई. इन कामों के विषय में जानकारी लिए बिना ही मंजूरी देने के चलते स्थायी समिति के अध्यक्ष का निर्णय संदेह के घेरे में आ गया है. इसके अलावा स्विमिग पूल में कंपाउंड वाल का निर्माण एवं सडक के विकास हेतु ५२ लाख ६३ हजार रुपए के खर्च को मंजूरी दी गई.