व्यापारियों को आर्थिक पैकेज देने हेतु पीएम हस्तक्षेप करें : कैट

AajKaAanad    22-May-2020
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कहा- करोडों व्यापारी आर्थिक पैकेज में शामिल नहीं, उन्हें MSME सेक्टर में शामिल करें
 
देश में व्यापारिक समुदाय के वित्तीय संकट से निपटने के लिए एक आर्थिक पैकेज देने हेतु शीघ्र हस्तक्षेप करने का आग्रह कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रधानमंत्री से किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को भेजे गए एक पत्र में कैट ने कहा कि हमें गहरे अफसोस के साथ बताना होगा कि सबसे बडे और सबसे प्रतिबद्ध वर्ग में कार्यरत ७ करोड व्यापारियों को आर्थिक पैकेज की व्यापक घोषणाओं में शामिल नहीं किया गया है.
 
कैट ने बताया की सूक्ष्म, लघु और म ध्यम उद्यम के एक ऑफिस मेमोरेंडम परिपत्र द्वारा एनआईसी कोड ४६, ४७ से व्यापारियों को एमएसएमई से बाहर कर दिया. वित्त मंत्री द्वारा एमएसएमई की परिभाषा के तहत सेवा क्षेत्र को शामिल करना व्यापारियों को ऐसे पैकेज देने के लिए सरकार की मंशा को स्पष्ट रूप से दर्शाता है, क्योंकि व्यापारियों को सेवा क्षेत्र का हिस्सा माना जाता है. लेकिन किसी भी स्पष्टीकरण के अभाव में इसका कोई लाभ व्यापारियों को नहीं मिलेगा.
 
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने आर्थिक पैकेज में व्यापारियों को न शामिल किये जाने पर गहरी पीडा व्यक्त करते हुए इसे अन्यायपूर्ण बताया. ये हालात वित्तीय संकट के इन समय में व्यापारियों के लिए बहुत भारी होंगे और सरकार के पर्याप्त समर्थन के अभाव में सम्भावना इस बात की है की लगभग २०% सीमांत व्यापारियों के पास व्यापार बंद करने के अलावा और कोई अन्य विकल्प नहीं होगा.
 
कैट ने पत्र में लिखा है
लॉकडाउन की अवधि में व्यापारियों को कर्मचारियों को वेतन के भुगतान जैसे विभिन्न वित्तीय दायित्वों को पूरा करना होगा, जीएसटी का भुगतान, आयकर और अन्य सरकारी भुगतान, ईएमआई, व्यापारियों द्वारा लिए गए ऋण और अन्य आकस्मिक खर्चों पर बैंक ब्याज सहित अन्य अनेक वित्तीय दायित्व पूरे करने के बोझ भी हैं. वहीं दूसरी ओर व्यापारिक लेन-देन में व्यापारियों द्वारा दिए गए उधार माल की राशि बाजारों के खुलने के दिन से ४५- ६० दिनों के अंदर वापसी की शुरुआत होने की सम्भावना है.