फीस के लिए दबाव डालने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई होगी

AajKaAanad    26-May-2020
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शिक्षा विभाग के सहायक प्रशासनिक अधिकारी पराग मुंडे द्वारा चेतावनी
 
कोरोना संक्रमण के कारण पैदा हुए हालात को देखते हुए स्कूलों को वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में पैरेंट्स से अलग-अलग चरणों में या उनकी सुविधा के अनुसार फीस लेनी चाहिए. साथ ही किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं बढाना चाहिए. अभिभावकों या विद्यार्थियों पर फीस के लिए दबाव डालने या उन्हें परेशान करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यह चेतावनी शिक्षा विभाग के सहायक प्रशासनिक अधिकारी पराग मुंडे ने दी.
 
पिछले दो महीनों तक सख्त लॉकडाउन के चलते सभी उद्योग-व्यवसाय बंद थे. नतीजतन, कुछ लोगों ने अपनी नौकरी खो दी, वहीं कुछ लोगों को वेतन-कटौती के रूप में चपत लगी. इसी पृष्ठभूमि पर राज्य सरकार ने मनपा शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर स्कूलों को जरूरी निर्देश देने को कहा है. इसी पत्र के आधार पर शिक्षा विभाग ने स्कूलों के वर्तमान शैक्षिक वर्ष में किसी भी तरह की फीस न बढाने व अभिभावकों को इसके लिए परेशान न करने के निर्देश दिए तथा स्पष्ट किया कि इस पर अमल न करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
 
कुछ पैरेंट्स ने मशिक्षक पालक संघफ से शिकायतें की हैं. कि कई अंग्रेजी मीडियम स्कूल फीस के लिए दबाव डाल रहे हैं.. दो महीनों से कारोबार ठप्प हैं.. ऐसे में हम शुल्क कैसे भरें? इस मसले को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के शहराध्यक्ष हेमंत डांगे, पदाधिकारी बाला दानवले, मयूर चिंचवडे आदि ने पैरेंट्स से अपील की कि स्कूल द्वारा फीस के लिए परेशान किये जाने पर वे 'मनसे' से संपर्क करें.
 
अभिभावकों की चिंता बढी
अंग्रेजी माध्यम के कई स्कूलों का शैक्षिक वर्ष अप्रैल महीने में शुरू होता है और मई महीने में छुट्टियां होती हैं.. इसके बाद जून से स्कूल खुल जाते हैं.. इस साल अप्रैल में कोरोना क संकट आने से कई स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस शुरू कीं तथा पुस्तकें भी ऑनलाइन सिस्टम से बेची गईं. सरकार के निर्देशानुसार कुछ स्कूलों ने फीस में बढोतरी नहीं की, लेकिन सरकार द्वारा लॉकडाउन में ढील दिये जाने से ३१ मई तक फीस भरने के लिए पैरेंट्स पर प्रेशर डाला जा रहा है. यदि निर्धारित तिथि को फीस नहीं भरी गई तो कुछ स्कूल हर हफ्ते फाइन वसूलते हैं.. इस वजह से अभिभावकों की चिंता बढ गई है.