लॉकडाउन समाप्त होने के बाद बिजनेस शुरू होगा. दुकानें खुलेंगी. करीब ढाई महीने की परेशानियों के बाद अब बाजार सही रूप में खुलेगा. लेकिन कोरोना संकट के बाद बिजनेस करने का तरीका बदल गया है. इस बात को ध्यान में रखते हुए दुकानों में बैठने की सलाह बाजार के कई सीनियर व्यापारियों ने दी है. इन व्यापारियों का कहना है कि बाजार की दिशाक्या है? फिलहाल बाजार कीक्या स्थिति है? बाजार में कितने ग्राहक हैं.? बाजार में आने वाले ग्राहक कैसे हैं.? बाजार में आने वाले ग्राहक किन वस्तुओं की अधिक मांग कर रहे हैं.? सामान बेचने से पहले ग्राहकों को कौन-सी सुविधाएं, छूट की उम्मीद है. यह जानकर ही माल की बिक्री करनी होगी. लेकिन माल बेचने से पहले उस माल की आज की कीमतक्या है? उस वस्तु का पङ्र्माप्त स्टॉक है ्नया? गोदाम में उपलब्ध माल कितने दिन चल सकता है? इसकी पङ्र्माप्त जानकारी लेकर ही बिजनेस करें.
इन सीनियर व्यापारियों का कहना है कि माल की बिक्री किसी ग्राहक को करते हुए उससे पहले की उधारी की वसूली हुई है ्नया? यह देखना होगा. ऐसा नहीं है तो माल देते व्नत पहले आरटीजीएस कराएं और साथ ही उधारी वसूल करनी होगी. ऐसा नहीं करते हैं. तो पहले की उधारी उसी तरह बकाया रहेगी और अब बेचे गए माल से नई उधारी तैयार होगी.
कोरोना की वजह से लॉकडाउन जारी है. इस वजह से फिलहाल बाजार की स्थिति बेहद अस्थिर है. इसलिए कम से कम उधारी का बिजनेस करना चाहिए. व्यापारी वर्ग का सवाल है कि पहले की उधारी कब वसूल होगी? इस बात की जानकारी नहीं होते हुए नये माल को उधारी पर बेचने की जल्दबाजी नहीं करें. नहीं तो पूंजी के फंसने की संभावना है. माल की बिक्री कैश में या आरटीजीएस पेमेंट से किया तो व्यापार के हर तरह का दवाब कम हो सकता है.
पहले की उधारी वसूल होने के बाद नये माल की बिक्री करें ताकि उधारी की आदत कम होती जाएगी या उधारी करनी है तो उसकी लिमिट तय कर लें. कोई भी उधारी लिमिट से बाहर जाती है तो व्यापार पर उसका असर हो सकता है.
उधारी की वसूली एकमुश्त हो रही है तो माल बिक्री करने वाले व्यापारियों को कुछ राहत मिल सकती है. लेकिन अगर यह रकम हफ्ता-हफ्ता मिलती है तो उसका कोई उपयोग नहीं होता है, उल्टे नुकसान होता है. खासकर कोरोना के बाद मांग कम होगी, ग्राहकों की भीड कम होगी, यह ध्यान में होने के बावजूद उधारी पर माल बेचना व्यापार के लिए घातक हो सकता है. उधारी पर बिजनेस नहीं चल सकता है. उधारी में माल नहीं बेचा तो दुकान नहीं चलेगी, इस विचार को अब बदलने की जरूरत है. इससे कुछ दिन जरूर परेशानी होगी. लेकिन कोरोना के बाद की अवधि में बढने वाली अन्य परेशानियों को ध्यान देने पर उधारी की परेशानी कम करनी चाहिए. उधारी नहीं चलेगी. यह तय करने के बाद निश्चित मन से आप बिजनेस कर सकते ह