दो अन्य ट्रेन भी राउरकेला और बंगलुरु पहुंच गईं : रास्ते में ७ यात्रियों की मौत
सूरत से निकली ट्रेन जो प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार जा रही थी, २ दिन की बजाय ८ दिन में बिहार पहुंची. चौंक गये ना आप! चौंकिए नहीं, यह भारतीय रेल की हकीकत है. इतना ही नहीं दो अन्य ट्रेनें भी जो कि सूरत से ही निकली थीं, जिन्हें बिहार के सीवान जाना था, वह राउरकेला (उडीसा) व बंगलुरु (कर्नाटक) जा पहुंचीं; इस दौरान भूखे-प्यासे बेहाल ७ लोगों की ट्रेनों में ही मौत हो गई. उनका घर पहुंचने का अरमान उनके साथ ही विदा हो गया. सूत्रों ने कहा कि सरकारों की लापरवाही, प्रशासन की बेरुखी और अब रेलवे की करतूत से जहाँ प्रवासी पहले सडकों, रेल्वे ट्रैक पर दम तोड रहे थे, अब उनकी जान ट्रेनों के डिब्बों के अंदर जा रही है. मजदूरों के उनके घरों भेजने के नाम पर ट्रेनों के भटकने का सिलसिला बदस्तूर जारी है. खबर है कि जयपुर-पटना-भागलपुर स्पेशल ट्रेन पटना की बजाय गया जंक्शन पहुंच गई. रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्रेनों के भटकाव को आधा सच बताते हुए इस बात को स्वीकारा कि हाँ, सूरत से चली ट्रेन भटक गई थी. सूरत से ही सीवान के लिए निकली दो ट्रेनें ओडिशा के राउरकेला और बेंगलुरु पहुंच गईं. ट्रेनों के भटकने का सिलसिला यहीं खत्म नहीं होता, बल्कि जयपुर-पटना-भागलपुर ०४८७५ श्रमिक स्पेशल ट्रेन रविवार की रात पटना की बजाय गया जंक्शन पहुंच गई. रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में इसे आधा सच करार दिया, लेकिन सीवान के उप विकास आयुक्त सुनील कुमार ने बातचीत में इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि सूरत से चली ट्रेनें भटक गई थीं और देरी से सीवान पहुंची थीं.
जब उठाने की कोशिश की तो पता चला मौत हो गई
महाराष्ट्र से आ रहे मजदूर को आरा में लोगों ने जब उठाना चाहा तो पाया कि उसकी मौत हो चुकी है. उसकी पहचान नबी हसन के बेटे निसार खान के रूप में हुई. वह गया का रहने वाला था.
ट्रेन में तबीयत खराब हुई, अस्पताल में सांस टूट गई
महाराष्ट्र से आ रहे एक श्रमिक की ट्रेन में हालत खराब होने के बाद उसकी मौत हो गई. वह मोतिहारी जिले के कुंडवा-चैनपुर का निवासी बताया जा रहा है. दरअसल, उसकी तबीयत खराब होने के बाद उसे ट्रेन से उतारकर जहानाबाद सदर अस्पताल लाया गया. वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.राजकोट-भागलपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से गया में सोमवार को ८ माह के बच्चे के शव को उतारा गया. परिवार मुंबई से सीतामढी जा रहा था. आगरा में बच्चे का इलाज हुआ. कानपुर के पास मौत हो गई. दंपति देवेश पंडित सीतामढी के खजूरी सैदपुर थाना क्षेत्र के सोनपुर गांव के रहने वाले हैं.. अहमदाबाद से मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंची स्पेशल ट्रेन में कटिहार की रहने वाली २३ साल की अलविना खातून की मौत हो गई. वह अपने जीजा इस्लाम खान के साथ अहमदाबाद से घर लौट रही थी. अलविना विक्षिप्त थी. उसका इलाज चल रहा था.