कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनियाभर में आठ करोड बच्चों को बचपन में लगाए जाने वाले सामान्य वै्नसीन से भी वंचित रहना पड रहा है. दूसरी महामारी को नहीं झेल सकते : यूनिसेफ के काङ्र्मकारी निदेशक हेनरीइटा फोरे ने कहा, हम एक महामारी की दूसरी महामारी से अदला गबदली नहीं कर सकत.
डब्ल्यूएचओ ने देशों को नए मार्गदर्शन जारी किए कि वे महामारी के दौरान सुरक्षित रूप से टीकारण अभियान कैसे शुरू कर सकते है. डब्ल्यूएचओ के वै्नसीन निदेशक डॉ्नटरेट ओ ब्रयान ने कहा, हमने देखा है कि लोगटीकारण सेवाओं के लिए केंद्रों तक आने के लिए अनिच्छुक हैं.. इस कारण खुद के और चिकित्सा कर्मियों के स्वाथ्य की चिंता है. कोरोना से बचने के लिए सुरक्षात्मक उपकरणों की कमी के कारण टीकाकरण काङ्र्मकर्ता भी पाबंदियों के दौरान टीकाकरण करने जाने से डर रहे हैं.. अमेरिकी एजेंसी ने भी चेताया : अमेरिका की सेंटर्स फॉर डीजिज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने पिछले महीने कहा था कि बच्चों को दिए जाने वाले टीकों की संख्या मं कोविड-१९ महामारी के कारण भारी गिरावट आई है.
सीडीसी ने बताया कि जिस फेडरल प्रोग्राम के द्वारा बच्चों का टीकारण किया जाता है. उसकी वै्नसीन की मांग में भारी गिरावट दर्ज की गई है. सीडीसी की डॉ्नटर जीन संतोली ने कहा कि जिस हफ्ते राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की गई उसके बाद से ही वै्नसीन की मांग में गिरावट दर्ज की गई है. जंग को टाल नहीं सकते डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा, कोरोना से कई बीमारियों के टीकाकरण अभियान को काफी नुकसान पहुंचा है. हम बीमारी के कारण दूसरी बीमारियों में चल रही हमारी जंग को टाल नहीं सकते. हमें खसरा, पोलियों और कोलेरा का टीकाकरण जारी रखना ही होगा.
खसरे के मामले बढेंगे! विश्व स्वास्थ्य संगठन अनुसार खसरे से संबंधित टीकाकरण का अभियान सबसे ज्यादा बाधित हो गया है. पिछले साल भी इके अभियान में बाधा उत्पन्न हुई थी, जिसके कारण दुनियाभर में खसरे के मामले बढे थे. इस दौरान तकरीबन १४०,००० लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें से ज्यादा छोटे बच्चे थे.