महावितरण की इन्कम में ५०% की कमी : एक हजार करोड का झटका

AajKaAanad    15-Jun-2020
Total Views |
 
 
mahavitaran_1  
 
लॉकडाउन में उद्योग-धंधे, काङ्र्मालय, दुकानें व मार्केट बंद होने से बिजली के इस्तेमाल में भारी कमी पुणे, १४ जून (आ.प्र.) पिछले ढाई महीने में महावितरण की इन्कम ५०% कम हो गई. इसके चलते अब तक करीब एक हजार करोड रुपए का झटका सहना पडा.
 
२३ मार्च से सभी उद्योग-धंधे बंद किए गए थे. पिंपरी-चिंचवड, भोसरी, हिंजवडी, चाकण, हडपसर एवं खराडी इंडस्ट्रियल एरिया के कारखाने तथा आईटी काङ्र्मालय बंद रहे.
 
आईटी कार्यालय के कर्मचारियों को मवर्क फ्रॉम होमफ की सुविधा दी गई थी. उन्हें यह सुविधा लॉकडाउन शुरू होने से पहले ही दी जा चुकी थी. इसके चलते आईटी कंपनियां कुछ दिन पहले से ही बंद रखी जा रही थीं. आईटी एवं इंडस्ट्रियल क्षेत्र के साथ दुकानें, मॉल एवं बाजार भी बंद रहे. सरकारी एवं प्राइवेट कंपनियों में से अधिकांश बंद होने की वजह से वहां बिजली का इस्तेमाल बहुत कम हुआ. लॉकडाउन के दौरान सिङ्र्क घर, हॉस्पिटल एवं स्ट्रीट लाइट के लिए ही बिजली का इस्तेमाल किया गया. इससे महावितरण की इन्कम बुरी तरह प्रभावित हुई.
 
महावितरण को भी सप्लाई के लिए बिजली खरीदनी पडती है. बिजली के बिलों के माध्यम से महावितरण को प्रति माह औसतन १,१०० करोड रुपए के राजस्व की इन्कम होती है. पिछले ढाई महीनों में यह राशि घटकर ५०० से ५५० करोड रुपए यानी ५०% हो गई है. पुणे विभाग के चीफ इंजीनियर सचिन तालेवार ने बताया पिछले दो महीनों में राजस्व की इन्कम में करीब एक हजार करोड रुपए की कमी दर्ज की गई.
 
ग्राहक बकाया बिल तुरंत अदा करें : सचिन तालेवार
 जिन लोगों ने महाविरण की वेबसाइट पर ग्राहक नंबर के साथ मीटर रीqडग का फोटो अपलोड किया है, उन्हें बिल ऑनलाइन भेजे गए व उन्होंने अदायगी भी की. कुछ लोगों के पास यह सुविधा उपलब्ध न होने की वजह से वे ऑनलाइन भुगतान नहीं कर सके. यह जानकारी देते हुए चीफ इंजीनियर सचिन तालेवार ने कहा- महमें अपेक्षा थी कि कम से कम ५०% ग्राहक बिल भरेंगे, मगर सिङ्र्क २५ से ३०% तक ग्राहकों ने ही ऐसा किया. अब जगह पर ही मीटर रीqडग लेकर बिलों की हाडकॉपी घर में पहुंचाई जाएगी.फ उन्होंने नागरिकों से बिलों की तुरंत अदायगी की अपील क