लॉकडाउन को लेकर पुणे व्यापारी महासंघ भारी मन से सहयोग देने को तैयार

AajKaAanad    14-Jul-2020
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प्रशासन के साथ हुई बैठक में व्यापारी महासंघ ने चेतावनी दी- व्यापारियों के असंतोष के लिए सरकार और प्रशासन जिम्मेदार होंगे
 
पुणे में मंगलवार (१४ जुलाई) से एक बार फिर से लॉकडाउन की शुरुआत हुई है. इस लॉकडाउन के बारे में पुणे व्यापारी महासंघ ने अनिच्छा के साथ सहयोग की भूमिका जताई है. लॉकडाउन की पृष्ठभूमि में डिवीजनल कमिश्नर ऑफिस में सोमवार (१३ जुलाई) को एक बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें डिवीजनल कमिश्नर डॉ. दीपक म्हैसेकर, विशेष कार्य अधिकारी सौरभ राव, पुलिस आयुक्त डॉ. के. वेंकटेशम, जिला कलेक्टर नवलकिशोर राम, पुणे महानगरपालिका के कमिश्नर विक्रम कुमार, पिंपरी चिंचवड महानगरपालिका के कमिश्नर श्रवण हार्डिकर, जिला पुलिस अधीक्षक संदीप पाटिल, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक मोराले, पुलिस उपायुक्त बच्चन सिंह, मितेश घट्टे, पुणे व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष फत्तेचंद रांका और सचिव महेंद्र पितलिया उपस्थित थे.
 
कोरोना के बढते संक्रमण को रोकने के लिए पुणे में फिर से कठोर लॉकडाउन शुरु हुआ है. इस लॉकडाउन को पुणे व्यापारी महासंघ ने विरोध जताया था. इस पृष्ठभूमि में महासंघ के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की गई. महासंघ की ओर से चर्चा के दौरान व्यापारियों के मन में चल रहे असंतोष का मुद्दा उठाया गया. सचिव महेंद्र पितलिया ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से पहले ही व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है. व्यापारियों को लगता है कि एक बार फिर से उन पर लॉकडाउन थोपा गया है. लेकिन, पुणे के नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, हमने इस लॉकडाउन में अनिच्छा से सहयोग करने के लिए अपनी सहमती दिखाई है.
 
बैठक के दौरान, विशेष कार्य अधिकारी सौरभ राव ने कहा कि दुकान में भीड के कारण, एक सुरक्षित दूरी नहीं रखी जाती है. इसके अलावा मास्क का उपयोग दिखाई नहीं देता है. इससे पीिडतों की संख्या में वृद्धि हुई है. व्यापारियों के खिलाफ द्वेषभावना से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. लेकिन पुणे शहर और जिले को कोरोना संकट से बचाने के लिए लॉकडाउन जरुरी है. हम कोरोना को मिटाने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे.
 
डिवीजनल कमिश्नर डॉ. दीपक म्हैसेकर ने कहा कि पुणे व्यापारी महासंघ ने हमेशा सरकार के साथ सहयोग किया है. लॉकडाउन के दौरान भी सहयोग अपेक्षित है. महासंघ की समस्याएं दूर करने हेतु प्रशासन भी सदैव सकारात्मक रहा है. जिला कलेक्टर नवलकिशोर राम ने अपील की कि व्यक्तिगत संपर्क से कोरोना संक्रमण फैलता है. दुकान के सामने सामान खरीदने के लिए भीड को रोकने के लिए लॉकडाउन की आवश्यकता है. इसलिए, पुणे व्यापारी महासंघ को लॉकडाउन के लिए सहयोग करना चाहिए.
 
कोरोना संक्रमण के बढते जोखिम को देखते हुए, लॉकडाउन के पहले पांच दिनों के बाद अगले पांच दिनों में कितनी शिथिलता दी जा सकती है, इस बारे में विचार किया जाएगा. ऐसा भी बैठक में बताया गया. अध्यक्ष फत्तेचंद रांका और सचिव महेंद्र पितलिया ने कहा कि पुणे शहर में लगभग १० लाख लोग यानी की २५ प्रतिशत जनसंख्या व्यापारियों पर निर्भर है. जो आज बडी मुश्किल में हैं.. व्यापारियों को सरकार से कोई छूट, सुविधा या सब्सिडी नहीं मिलती है. कुछ व्यापारियों ने सरकार से आत्महत्या की अनुमति मांगी है. व्यापारियों में भयंकर असंतोष की भावना है, निकट भविष्य में यह भडक सकती है और सरकार इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होगी, यह भी बैठक में स्पष्ट किया गया. इस पर राज्य सरकार के विशेष कार्य अधिकारी सौरभ राव ने कहा कि यह आखिरी लॉकडाउन है और बाद में लॉकडाउन का कोई फल भी नहीं होगा. व्यापारियों ने पहले भी सहयोग कर दिया है. अब उनसे एक बार फिर आखिरी सहयोग का अनुरोध है. इस पर अनिच्छा से लेकिन नागरिकों के हितों के लिए व्यापारी महासंघ ने लॉकडाउन के लिए सहमति दर्शायी.