८ साल पहले हाईकोट ने केरल सरकार को सौंपने का आदेश दिया था
केरल के ऐतिहासिक श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के प्रशासन और उसकी संपत्तियों पर अधिकार को लेकर सुप्रीम कोट में सुनवाई हो रही है. कोट ने कहा है कि मंदिर के मैनेजमेंट का अधिकार त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार के पास बरकरार रहेगा. अंतरिम व्यवस्था के तौर पर तिरुवनंतपुरम के जिला जज मंदिर मामलों की कमेटी के हेड होंगे. नई कमेटी बनने तक यह व्यवस्था लागू रहेगी. सुप्रीम कोट ने कहा कि कमेटी के सभी सदस्य हिंदू होने चाहिएं. त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार के सदस्यों का कहना है कि सुप्रीम कोट के फैसले से साबित हुआ है कि भगवान पद्मनाभ से हमारे परिवार के संबंध कितने अहम हैं.. हमें पूरे फैसले की कॉपी का इंतजार है. पद्मनाभ मंदिर को ६वीं शताब्दी में त्रावणकोर के राजाओं ने बनवाया था. १७५० में मार्तंड वर्मा ने खुद को भगवान का सेवक यानी पद्मनाभ दास बताते हुए अपना जीवन और संपत्ति उन्हें सौंप दी. १९४७ तक त्रावणकोर के राजाओं ने केरल में राज कियाया था.