नागरिकों की शिकायतों पर ध्यान नहीं देने से ग्राहकों में महावितरण को लेकर नाराजगी
लॉकडाउन के बहाने महावितरण ग्राहकों के साथ लूट कर रहा है. आम नागरिकों से औसत से अधिक बिजली बिल भेज कर उन्हें परेशान किया जा रहा है. जबकि इसे लेकर की गई शिकायतों पर महावितरण द्वारा ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इससे आम ग्राहक परेशान हो चुके हैं.. ग्राहकों की शिकायत है कि उन्हें महावितरण की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है.
लॉकडाउन से पहले मार्च महीने का बिल अधिकांश ग्राहकों का सही आया था. लेकिन अप्रैल, मई और जून का बिजली बिल ज्यादा आने की शिकायत नागरिक कर रहे हैं.. कुछ क्षेत्रों में लगातार बिजली कटने की भी शिकायत नागरिकों द्वारा की जा रही है. लेकिन महावितरण द्वारा इस पर सही से ध्यान नहीं दिए जाने को लेकर नागरिकों में नाराजगी है. बिजली की दर बढने को लेकर ग्राहकों का कहना है कि अंधेरे में रखकर महावितरण उनसे बिजली बिल वसूल रहा है. हमेशा की तुलना में अधिक बिल आने से ग्राहकों को आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड रहा है. लॉकडाउन की वजह से इन्कम पूरी तरह से बंद है. इसकी वजह से ग्राहकों को और परेशानी हो रही है.
पुणे में फिर से लॉकडाउन जारी है. इस स्थिति में भी बिजली मीटर रीqडग जारी रखने और ग्राहकों को अचूक बिजली बिल भेजने का दावा महावितरण द्वारा किया जा रहा है. पिछले लॉकडाउन में महावितरण के कर्मचारियों ने घरों में जाकर की जाने वाली बिजली मीटर रीqडग बंद की थी. जून के लॉकडाउन में कुछ हद तक छूट दिए जाने के बाद जून से फिर से बिजली मीटर रीqडग शुरू की गई. यह जानकारी महावितरण द्वारा दी गई है. बिजली ग्राहक राहुल झाड ने बताया कि मेरी कात्रज के पास मांगडेवाडी में यश एन्टरप्राइजेस नामक मैन्युफै्नचरिंग यूनिट है. लेकिन यहां बार- बार बिजली कटती है. इसका प्रोड्नशन पर असर पडता है. महावितरण से इसकी शिकायत की है. लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है. जबकि लॉकडाउन में अधिकांश ग्राहकों को औसत बिल भेजे गए. औसत बिल भी बढाकर भेजे गए हैं.. इससे बिजली ग्राहकों को आर्थिक झटका लगा है. वडगांव धायरी में रहने वाले संजय गिजरे ने बताया कि मुझे आमतौर पर १२०० रुपए का बिजली बिल आता रहा है. लेकिन इस बार २७०० रुपए बिजली बिल आए हैं.. आनंदनगर के संजीवनी अत्रे ने बताया कि मुझे हमेशा ७०० रुपए का बिजली बिल आता है लेकिन इस बार १५०० रुपए आया है. लॉकडाउन में इन्कम बंद है और उस पर अधिक बिजली बिल देना मध्यम वर्ग के लिए मुश्किल होगा.