कोरोना वायरस महामारी से दुनियाभर के अधिकांश देश प्रभावित हैं.. इस घातक वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हर देश की तरफ से कोई न कोई कदम आगे बढाया जा रहा है. इसी बीच रूस में एक दंपति ने पिरामिड बनवा कर प्रतिरोधक क्षमता बढाने का दावा किया है. इस पिरामिड का निर्माण कुछ इस तरह कराया गया है कि ये असली पिरामिड लगे. हालांकि यह मिस्र के पिरामिड से काफी छोटा है. मास्को के एंड्री वख्रुशेव और उनकी पत्नी विक्टोरिया ने अपने घर के पीछे इस पिरामिड को बनवाया है. कोई भी व्यक्ति इस पिरामिड में कुछ शुल्क अदा कर ऊर्जावान होने के लिए रात गुजार सकता है. इस कपल के मुताबिक आकार के अंतर के अलावा इस पिरामिड की संरचना भी मिस्र के पिरामिड की तरह है.
सेंट पीटर्सबर्ग से करीब १२ किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस्तिन्का नामक गांव में इस दंपती ने अपने घर के पीछे गीजा के महान पिरामिड की तरह हू-ब-हू पिरामिड बनवाया है. मिस्र के पिरामिड से यह पिरामिड लगभग १९ गुना छोटा है. यह पिरामिड जमीन से ९ मीटर ऊपर और ९ मीटर गहरी माप वाला है, जो लगभग ४०० टन कांक्रीट ब्लॉक को मिलाकर बनाया गया है. एंड्री वख्रुशेव के मुताबिक, इस पिरामिड के निर्माण के दौरान उन्हें एक सेंटीमीटर तक की भी त्रुटि मंजूर नहीं थी. काम को लेकर पूरी तरह से सावधानी बरती गई है और पिरामिड के सटीक आकार, निर्माण में सही स्तर और काम में परफेक्शन से किसी भी तरह का समझौता नहीं हुआ है. इस पिरामिड के निर्माण के लिए इस दंपती ने एक महीने का समय अच्छा कॉन्ट्रेक्टर ढूंढने में ही लगा दिया. एंड्री वख्रुशेव के मुताबिक, पिरामिड के निर्माण के दौरान कुछ श्रमिकों को चोट आई थी. लेकिन पिरामिड के भीतर काम करते रहने से वे जल्द ठीक हो गए. इतना ही नहीं इस पिरामिड को बनाने वाला एक भी व्यक्ति बीमार नहीं पडा. एंड्री का ये भी दावा है कि उनका पिरामिड लोगों की इम्यूनिटी बढा सकता है, जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा टाला जा सकता है.अगर कोई व्यक्ति इस पिरामिड के चिक्तिसा लाभ उठाना चाहता है, उसे बुकिंग करानी होगी. इस पिरामिड में लोग ऊर्जा बढाने और ध्यान के लिए आते हैं.. पिरामिड में एक रात के लिए कम से कम ५० डॉलर चुकाने होंगे.