एक ऐसा तेल, जिसे माना जाता है जादुई तोहफा

AajKaAanad    05-Aug-2020
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(गतांक से आगे)
 
वैश्विक उत्पादन : साल २०१८ में किसानों ने वैश्विक बाजार के लिए करीब ७.७० करोड टन पाम तेल का उत्पादन किया और साल २०२४ तक इसके १०.७६ करोड टन तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है, लेकिन पाम तेल की बढती मांग और इसके लिए अधिक से अधिक पेड लगाने की वजह से इंडोनेशिया और मलेशिया में जंगलों को लगातार खत्म किए जाने के आरोप भी लगते रहे हैं.्. यही नहीं जंगलों के खत्म होने से यहां के मूल जंगली जीव जैसे ओरंगुटान भी प्रभावित हो रहे हैं. और कई अन्य प्रजातियां भी संकट में हैं.्. सिर्फ इंडोनेशिया और मलेशिया में ही करीब १.३ करोड हेक्टेयर जमीन पर तेल के लिए पाम के पेड लगाए गए हैं., जो दुनियाभर के आधे पाम के पेड हैं.्. ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के मुताबिक सिङ्र्क इंडोनेशिया में २००१ से २०१८ के बीच २.५६ करोड हेक्टेयर जमीन से पेड काटे गए्. ये इलाका न्यूजीलैंड के बराबर है. इसी वजह से सरकार और उद्योगपति भी पाम तेल के विकल्प तलाशने के दबाव में हैं., लेकिन इस जादुई उत्पाद का विकल्प खोजना आसान नहीं है. ब्रिटिश सुपरमार्केट चेन आइसलैंड को साल २०१८ में तब सराहना मिली, जब उसने घोषणा की थी कि वो अपने प्रोडक्ट से पाम तेल को हटाएगा. हालांकि, कुछ उत्पादों से पाम तेल को हटाना इतना मुश्किल रहा कि कंपनी ने उन पर अपना ब्रैंड नाम भी नहीं लिखा. अमेरिका में पाम तेल की बडी खरीदार और नामी फूड कंपनी जनरल मिल्स को भी इसी मुश्किल से गुजरना पडा.
 
पाम ऑयल की खूबियां : रोजमर्रा की जिंदगी में पाम तेल के इतने इस्तेमाल के पीछे इसकी खास केमिस्ट्री है. पश्चिमी अफ्रीका में बीजों से निकलने वाला पाम तेल पीला और गंधहीन होता है, जो खाने में इस्तेमाल के लिए दुरुस्त है. पाम तेल का मेल्टिंग पॉइंट अधिक है और इसमें सैचुरेटेड फैट भी ज्यादा होता है. इसी वजह से यह खाते समय मुंह में घुलता है और मिठाई वगैरह बनाने के लिए मुफीद है. कई अन्य वनस्पति तेलों को कुछ हद तक हाइड्रोजनेटेड करने की जरूरत पडती है. इस प्रक्रिया में फैट में हाइड्रोजन अणुओं को रासायनिक तरीके से मिलाया जाता है, जिससे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाला ट्रांस- फैट तैयार होता है. अपनी खास केमिस्ट्री की वजह से पाम तेल अधिक तापमान पर भी बच जाता है और खराब नहीं होता है. पाम तेल से बनाए गए उत्पाद भी ज्यादा दिनों तक चलते हैं.्. पाम तेल और इसकी प्रॉसेसिंग के बाद बचे गूदे, दोनों को ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. पाम के छिलकों को पीसकर कंक्रीट बनाया जा सकता है.