भारत में कारों पर वसूला जाने वाला टैक्स, दुनिया के किसी भी अन्य वाहन विनिर्माण देश की तुलना में अधिक है. इसकी वजह से कार खरीदने के कई इच्छुक लोग कार के मालिक नहीं बन पाते. मारुति सुजुकी इंडिया के अध्यक्ष आरसी भार्गव ने यह बात कही है. अगर देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान २०२५ तक २५ फीसदी तक पहुंचना है, तो कार की बिक्री तेजी से बढाने की जरूरत है, उन्होंने २०१९-२० की कंपनी की वार्षिक रिपोट में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा.
उच्च टैक्स पर टिप्पणी करते हुए, भार्गव ने कहा, २०१९-२० से पहले भी, भारत में कारों पर टैक्स दुनिया के किसी भी अन्य कार विनिर्माण देश की तुलना में कहीं अधिक था. यूरोपीय संघ (ईयू) में, वैट १९ फीसदी है और इसके अलावा कोई अन्य टैक्स नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि २०१९-२० में, कार खरीदने की लागत में बढने, लोन मिलने में अन्य कठिनाइयों के साथ होने से बिक्री में गिरावट आई. यह साबित हो गया था कि मांग की कीमत लोच एक वास्तविक अवधारणा है. यह बहुत स्पष्ट है कि अगर विनिर्म ाण क्षेत्र एक ऐसी दर से बढना है जो २०२५ तक भी सकल घरेलू उत्पाद के २५ प्रतिशत तक अपना योगदान देगा, तो कार की बिक्री अतीत की तुलना में बहुत अधिक दर से बढनी चाहिए.