मेरा आना स्वाभाविक था, क्योंकि राम काज कीन्हे बिनु मोहि कहां विश्राम

AajKaAanad    06-Aug-2020
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद ३५ मिनट का संबोधन दिया. उन्होंने कहा कि यहां आना स्वाभाविक था, क्योंकि राम काज कीजे बिनु मोहि कहां विश्राम. भारत आज भगवान भास्कर के सानिध्य में सरयू के किनारे एक स्वर्णिम अध्याय रच रहा है. सोमनाथ से काशी विश्वनाथ तक, बोधगया से सारनाथ तक, अमृतसर से पटना साहिब तक, लक्षद्वीप से लेह तक आज पूरा भारत राम मय है.
 
राम की गूंज पूरी दुनिया में पहले प्रभु राम और माता जानकी को याद कर लें्. सियावर रामचंद्र की जय, जय श्री राम. आज यह जयघोष सिर्फ सियाराम की नगरी में नहीं सुनाई दे रहा है. इसकी गूंज पूरे विश्वभर में है. सभी देशवासियों को और विश्व में फैले करोडों-करोडों भारत भक्तों को, रामभक्तों को आज के इस पवित्र अवसर पर कोटि-कोटि बधाई.
 
मेरा सौभाग्य है कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे बुलाया और मुझे इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर दिया. में हृदयपूर्वक ट्रस्ट का आभार व्यक्त करता हूं. पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है. आज पूरा भारत भावुक है. सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है. करोडों लोगों को आज ये विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि वो अपने जीते जी इस पावन दिन को देख पा रहे हैं.्. बरसों से टेंट के नीचे रहे हमारे राम लला के लिए एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा. टूटना और फिर उठ खडा होना, सदियों से चल रहे इस क्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है. आजादी की लडाई में कई पीिढयों ने अपना सबकुछ समर्पित कर दिया, गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था, जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो. देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो. १५ अगस्त का दिन उस अथाह तप का लाखों बलिदानों का प्रतीक है. ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई-कई सदियों तक, कई-कई पीिढयों ने अखंड और अविरल एकनिष्ठ प्रयास किया. आज का दिन उसी तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है.
 
यहां आने से पहले मेंने हनुमान गढी का दर्शन किया. राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं.्. राम के आदर्शों की कलियुग में रक्षा करने की जिम्मेदारी भी हनुमान की है. श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा. जानबूझकर आधुनिक शब्द का प्रयोग कर रहा हूं्. हमारी शाश्वत आत्मा और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा. ये मंदिर करोडों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का प्रतीक रहेगा. आने वाली पीिढयों को आस्था, श्रद्धा और संकल्प की प्रेरणा यह मंदिर देता रहेगा. इस मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की भव्यता ही नहीं बढेगी, इस क्षेत्र का पूरा अर्थ तंत्र ही बदल जाएगा. हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे, हर क्षेत्र में अवसर बढेंगे. विश्वास को विद्यमान से, नर को नारायण से, लोक को आस्था से, वर्तमान को अतीत से, स्व को संस्कार से जोडने का महोत्सव है. आज का यह पल युगों-युगों तक, दिग्दिगंत तक भारत की कीर्ति पताका फहराता रहेगा. आज का दिन करोडों रामभक्तों की सत्यता का प्रमाण है. आज का दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को भारत की एक अनुपम भेंट है.