इस किसान ने ग्लूकोज की खाली बोतलों से की ड्रिप सिस्टम वाली खेती, लाखों में हो रही कमाई

AajKaAanad    06-Aug-2020
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एमपी : कृषि प्रधान देश भारत में किसान को अन्नदाता कहा जाता है. हमारे देश में ज्यादातर लोगों की प्राथमिक आय का स्रोत भी कृषि ही है. लेकिन अधिकांश जगहों पर कम बारिश होने के कारण और नई तकनीक विकसित न होने की वजह से किसानों को उनकी मेहनत का वाजिब फल नहीं मिल पाता है. वहीं कई किसानों को तो संसाधनों की कमी के वजह से नुकसान भी झेलना पड जाता है. लेकिन ऐसे में मध्य प्रदेश के एक किसान ने बहुत ही जबरदस्त तरीका निकाल रखा है.
 
क्या है पूरा मामला?
 
दरअसल, यह किसान मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले का रहने वाला है. झाबुआ एक पहाडी आदिवासी क्षेत्र है, जहां खेती करना बहुत ही मुश्किल भरा काम है. बारिश पर आधारित खेती करने के वजह से किसानों को मनमुताबिक परिणाम नहीं मिल पाता था. ऐसे में यहां के एक किसान रमेश बोरिया ने एक नई तरकीब विकसित कर डाली.
 
साल २००९-२०१० में उन्होंने राष्ट्रीय कृषि नवाचार परियोजना (छ खझ) के कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क कर अपने इलाके की समस्या के बारे में बताया. वैज्ञानिकों ने सलाह दिया कि बरसात और सर्दी के समय छोटे से पैच में सब्जी की खेती शुरू करे. क्योंकि ऐसी खेती के लिए उनकी जमीन उतिच थी. लेकिन मानसुन में देरी के कारण पसल खराब होने लगी. इसके बाद उन्होंने वैज्ञानिकों से सलाह लेकर वेस्ट पडी ग्लूकोज पानी की बोतलों को ड्रिप सिस्टम की तरह हर पौधों के पास टांग दिया.
 
वेस्ट बोतलों को उन्होंने २० रुपये किलो के हिसाब से खरीदा. इन बोतलों के ऊपरी हिस्सों को काटकर उन्होंने इनलेट बना दिया और पौधों के पास लटका दिया. इन बोतलों से बूंद-बूंद कर के पानी पौधों पर गिरता है.