राज्यभर की 216 आईएमए शाखाओं के प्रतिनिधि मंडलाें ने सरकारी अधिकारियाें काे ज्ञापन साैंपे
काेराेना महामारी के दिनाें में भी डाॅ्नटराें के प्रति बेहद आपत्तिजनक व अन्यायपूर्ण व्यवहार करने का राज्य सरकार पर आराेप लगाते हुए इंडियन मेडिकल एसाेसिएशन (आईएमए ) के राज्यभर के डाॅक्टराें ने विराेध प्रदर्शन किया. प्राइवेट हाॅस्पिटलाें की न्यायाेचित मांगाें की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए शुक्रवार काे राज्यभर की 216 आईएमए शाखाओं की ओर से सरकारी अधिकारियाें काे ज्ञापन दिए गए. साथ ही डाॅक्टराें ने उनके रजिस्ट्रेशन व सरकारी आदेश की प्रतीकात्मक हाेली जलाई. आईएमए महाराष्ट्र के अध्यक्ष डाॅ. अविनाश भाेंडवे सहित महाराष्ट्र राज्य कृति समिति (ए्नशन कमेटी) के अध्यक्ष डाॅ. सुहास पिंगले और उपाध्यक्ष डाॅ. राजेंद्र कुलकर्णी ने यह जानकारी दी.
आईएमए के अनुसार, काेराेना संक्रमण की शुरुआत से ही लगभग छह महीने से महाराष्ट्र के डाॅक्टर लगातार काम कर रहे हैं. सरकारी सिस्टम की मदद के लिए प्राइवेट डाॅक्टर भी मुफ्त चिकित्सा सेवा मुहैया करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. इसके अलावा, कई प्राइवेट हाॅस्पिटल अपनी जान की परवाह किए बिना काेविड राेगियाें के इलाज के लिए काम कर रहे हैं. आईएमए का कहना है कि, इसके बावजूद सरकार हस्तक्षेप करके उनके व्यावसायिक स्वतंत्रता पर आघात कर रही है.
आईएमए द्वारा एकतरफा दर नियंत्रण, काेविड के अलावा अन्य बीमारियाें के इलाज के शुल्क में सरकारी हस्तक्षेप, काेराेना मरीजाें के इलाज की नुकसानप्रद या प्रतिकूल दराें का विराेध किया जा रहा है. सरकार के इस तरह के फैसलाें से कई छाेटे और मध्यम स्तर के अस्पताल बंद हाे जाएंगे. आईएमए ने चेतावनी देते हुए कहा कि, मरीजाें की सुविधा के लिए सरकार काे बल का सहारा लिए बिना एकतरा फैसले लेना टालना चाहिए; अन्यथा डाॅ्नटराें द्वारा अगला कदम उठाया जाएगा.