मैक्सिकाे की इस खतरनाक सुरंग का रहस्य आपकाे कर देगा हैरान

    14-Sep-2020
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साल 2003 के अक्टूबर महीने की बात है जब पुरातत्त्वविद सर्जियाे गाेमेज ’पिरामिड ऑफ तियाेथिहुआकेन’ के संरक्षण में लगे हुए थे और तेज बारिश हाे रही थी. एक रात सर्जियाे गाेमेज अपने काम में मसरूफ थे कि तभी बारिश का पानी जमीन के अंदर जाने लगा...और देखते-देखते एक छेद हाे गया. इसके बाद अगले दिन गाेमेज रस्सी की मदद से इस छेद के अंदर गए. लगभग 14 मीटर तक नीचे जाने के बाद उन्हें एक सुरंग दिखाई दी.
 
सर्जियाे गाेमेज अपनी इस खाेज के बारे में बीबीसी काे बताते हैं, सुरंग देखते ही मुझे लगा कि ये काेई महत्वपूर्ण चीज है. लेकिन उस समय तक मुझे इसकी अहमियत का अंदाजा नहीं था. लेकिन कुछ समय बाद हमें समझ आया कि ये सुरंग 2000 साल पहले तियाेथिहुआकेन शहर ने बनाई थी. दरसअल, तियाेथिहुआकेन सभ्यता के लाेगाें द्वारा बनाई इस सुरंग की खाेज और उद्देश्य काे समझने में लंबा समय लगा है.
 
जहां आदमी बनते थे भगवान : यहां हम उस सभ्यता की बात कर रहे हैं जाे ईसा के जन्म से 450 साल पहले भी थी और ईसा के जन्म के 550 साल बाद अपने चरम पर थी. इस ऐतिहासिक शहर में लगभग दाे लाख लाेग रहा करते थे. तियाेथिहुआकेन शब्द का मतलब हाेता है - जहां आदमी भगवान बनता है. इस बारे में समझाते हुए विशेषज्ञ कहते हैं, क्लासिकल पीरियड के दाैरान हिस्पैनिक काल से पहले अमेरिकी महाद्वीप में यह सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर था.
 
यह एक ऐसा शहर हुआ करता था जहां पर अलग-अलग विचाराें और पृष्ठभूमियाें के लाेग आया करते थे ताकि इस शहर में माैजूद अवसराें का लाभ उठा सकें. शुरुआत में यह लाेग खेती करने तक सीमित थे, लेकिन इसके बाद यहां रहने वालाें ने अपना ध्यान सामानाें के उत्पादन और आदान-प्रदान करने पर लगाया. अध्ययनाें के मुताबिक, मीजाे अमेरिका के दाैर में इस शहर के संबंध तकरीबन हर समकालीन संस्कृति से रहे हैं.
 
पृथ्वी के भीतर का रास्ता : इस सुरंग की खाेज ने इस शहर के इतिहास काे समझने में काफी मदद की है. इस शहर काे शायद तियाेथिहुआकेन के लाेगाें ने ही तबाह करके छाेड़ दिया था. फिर कई शताब्दियाें बाद एजटेक लाेगाें ने इस शहर में रहना शुरू किया. इस सुरंग की तलाश करने के लिए चलाए गए अभियान काे त्लालाेकन कहा गया जिसका मतलब धरती के अंदर रास्ता है.
 
सर्जियाे गाेमेज बताते हैं, यह सुरंग इसलिए खास है, क्याेंकि इसकी तलाश करने में उस तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिसे किसी अन्य परियाेजना में इस्तेमाल नहीं किया गया. इन तकनीकाें में लेजर स्कैनर और दाे राेबाेट्स शामिल हैं. यह पहला माैका था जब मैक्सिकाे में किसी पुरातात्विक खाेज में राेबाेट्स का इस्तेमाल किया गया हाे. इसके पहले सिर्फ मिस्र में इस तकनीक का प्रयाेग किया गया है.
 
कैसी है यह सुरंग?
ये सुरंग बीते लगभग 1700 सालाें से बंद थी और साल 2009 में इसकी तलाश शुरू की गई. राेबाेट्स की मदद से यह पता चला कि पाइपनुमा संरचना के दूसरे मुहाने पर एक खुली जगह थी. और तियाेथिहुआकेन वालाें की बनाई इस सुरंग में तीन कमरे हैं. सुरंग के मुख्य द्वार से अंत तक इसकी लंबाई 103 मीटर है जाे कि 14 मीटर की गहराई से शुरू हाेकर 18 मीटर की गहराई तक जाती है.
 
विशेषज्ञाें के मुताबिक, तियाेथिहुआकेन में रहने वाले लाेगाें ने इस सुरंग का इस्तेमाल किया, लेकिन फिर इसे बंद कर दिया गया.हालांकि, ऐसा किए जाने के पीछे का कारण अब तक सामने नहीं आया है. लेकिन यह पता चला है कि यह लाेग इस सुरंग में कई बार वापस घुसे, लेकिन बाद में इसे फिर से बंद कर दिया गया. गाेमेज कहती हैं, हमने इस सुरंग की तलाश में बडी सावधानी से 8 साल लगाए हैं, हजाराें टन मिट्टी और पत्थराें काे ब्रश और सुइयाें की मदद से हटाया गया.
(क्रमशः)