22 दिनाें से बंद है वाईसीएम हाॅस्पिटल का ‘डेड हाउस’

    14-Sep-2020
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काेविड के अलावा नाॅन काेविड मरीजाें की माैत के बाद भी रिश्तेदाराें काे शव लेने में भारी परेशानी
 
पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के वाईसीएम हाॅस्पिटल का ‘डेड हाउस’ पिछले 22 दिनाें से पूरी तरह बंद है. इसके चलते जान गंवाने वाले लाेगाें के परिजनाें काे भारी परेशानी हाे रही है. मनपा प्रशासन एवं सत्ताधारी इस मुद्दे का अजीब सा जवाब दे रहे हैं कि, उन्हें इस विषय में काेई जानकारी ही नहीं है. शहर में काेराेना कहर जारी है.
 
प्रतिदिन औसतन 20 से 25 लाेगाें की माैत दर्ज की जा रही है. साथ ही अन्य वजहाें से जान गंवाने वाले लाेगाें के शव प्राप्त करने में उनके परिजनाें काे काफी मश्नकत करनी पड़ती है. दूर के रिश्तेदाराें के लिए मृतकाें के शव तुरंत जे जाना संभव नहीं हाेता. नाॅन काेविड मरीजाें की माैत के बाद उनके शव का पाेस्टमार्टम किया जाता है. इसके लिए शव काे ‘डेड हाउस’ में रखना पड़ता है.
 
मगर वहां का काॅम्प्रेशर बंद हाेने से पिछले 22 दिनाें से ‘डेड हाउस’ बंद है. इसलिए वहां शव रखने से इन्कार किया जाता है. प्रशासन द्वारा शवाें काे रखने के लिए बर्फ की सिल्लियाें की व्यवस्था की गई है, मगर उसमें भी शव काे नहीं रखा जा सकता. इस वजह से रिश्तेदाराें काे देर रात शव लेकर अंतिम संस्कार हेतु जाना पड़ता है या शव काे वैसे ही रखना पड़ता है. उल्लेखनीय है कि, सत्ताधारियाें काे इस बात की जानकारी ही नहीं थी. सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर द्वारा ज्ञापन दिए जाने पर उन्हें यह नकारी मिली व उन्हाेंने प्रशासन से संपर्क किया.