नागपुर मेट्राे के सिर्फ 6 माह में 1.5 किमी ट्रैक व 4 स्टेशन बने

15 Sep 2020 13:08:15

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इस दाैरान भाेपाल में 90 पिलर तैयार हुए, जबकि इंदाैर मेट्राे का एक साल में एक भी पिलर तक नहीं पड़ा
 
इंदाैर मेट्राे रेल प्राेजेक्ट के शिलान्यास का एक साल पूरा हाे गया. इस बीच, काम के नाम पर शहरवासियाें ने सिर्फ लाेहे के पतरे लगे देखे. धीमे काम के पीछे अफसर हाईटेंशन लाइन और फ्लाईओवर के अलाइनमेंट के साथ ही काेराेना काे सबसे बड़ी वजह बता रहे हैं.
 
असल वजह यह है कि, इंदाैर में लाॅकडाउन के बाद से प्राेजेक्ट का काम पूरी तरह बंद पड़ा है. जबकि भाेपाल में इंदाैर के बाद मेट्राे ट्रेन प्राेजेक्ट का भूमिपूजन हुआ, लेकिन काम की गति शुरू से तेज रही. भाेपाल में 90 पिलर बनकर तैयार हैं, एक गर्डर भी डाल दिया गया. वहीं, इंदाैर में अभी ड्राइंग, डिजाइन पर भी काम नहीं हुआ. 24 घंटे काम करने की डालना पड़ेगी आदत : ब्रजेश दीक्षित नागपुर मेट्राे रेल काॅरपाेरेशन के एमडी ब्रजेश दीक्षित ने बताया, मेट्राे ट्रेन चलाने के लिए 24 घंटे काम करने की आदत डालना पड़ेगी. काेराेना काल में सिर्फ अप्रैल के महीने में काम बंद रहा और मई से हमने एक तिहाई लेबर के साथ काम शुरू किया. नागपुर का ट्रैफिक बहुत कंजस्टेड है, फिर भी हमने 24 घंटे ट्रैफिक पुलिस की मदद से काम किया. तेजी से हाेता काम देख लाेग भी सपाेर्ट में आए और हम यह चमत्कार कर सके. हम जल्द ही पूरा 38 किमी का ट्रैक पूरा कर दूसरे फेज की तरफ बढ़ जाएंगे.
  
50 महीनाें के दाैरान 25 किमी ट्रैक तैयार
 
नागपुर मेट्राे रेल का भूमिपूजन 31 मई 2015 काे हुआ और 21 अप्रैल 2018 काे लाेगाें के लिए 6 किमी की जाॅय राइड (फ्री राइड) शुरू कर दी गई. पहली कमर्शियल लाइन 9 मार्च 2019 काे शुरू हुई. 50 महीने में 25 किमी का ट्रैक तैयार कर दिया. चार हिस्साें में 38 किमी का ट्रैक बन रहा है. इसमें से एक स्टेशन चार मंजिला हाेगा और ट्रेन 25 मंजिला बिल्डिंग के बीच में से निकलेगी. यह देश का पहला इनाेवेटिव स्टेशन हाेगा. काेराेना काल के छह माह में 1.5 किमी ट्रैक और 4 स्टेशन बनाए.
 
भाेपाल में पहला गर्डर भी लाॅन्च; इंदाैर में ड्राइंग पर ही नहीं हुआ काम
 
इंदाैर मेट्राे के लिए पहला टेंडर आईएसबीटी से मुमताज बाग काॅलाेनी तक हुआ है. इसमें कंपनी काे 181 पिलर डालने हैं, जबकि सिर्फ एक पिलर के सरिए बंधे हैं. सुपर काॅरिडाेर पर कंपनी के प्लांट पर 250 गर्डर तैयार रखी है, लेकिन पिलर तैयार नहीं हाेने से गर्डर किसी काम की नहीं. इंदाैर व भाेपाल का प्राेजेक्ट एक ही कंपनी दिलीप बिल्डकाॅन के पास है, पर काम की गति में काफी अंतर है. भाेपाल मेट्राे के 90 पिलर खड़े हाे गए और 10 सितंबर काे पहला गर्डर भी लाॅन्च कर दिया. वहीं, इंदाैर में एक भी पिलर तैयार नहीं हुआ. इंदाैर प्राेजेक्ट का एमओयू 19 अगस्त 2019 काे दिल्ली में, भूमिपूजन 14 सितंबर 2019 काे कमलनाथ सरकार में हुआ. इंदाैर मेट्राे के लिए 7500.8 कराेड़ और भाेपाल मेट्राे के लिए 6941.4 कराेड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं. दिलीप बिल्डकाॅन के अधिकारियाें के मुताबिक भाेपाल में म.प्र. मेट्राे रेल काॅरपाेरेशन (एमपीएमआरसी) के प्राेजेक्ट डायरेक्टर, काेऑर्डिनेटर सहित अन्य अधिकारी लगातार माॅनिटरिंग करते हैं, जबकि इंदाैर का सारा काम सिर्फ कंसल्टेंट के भराेसे छाेड़ रखा है. यहां एमपीएमआरसी का एक भी अधिकारी नहीं बैठता. गर्डर की ड्राइंग और डिजाइन तक फाइनल नहीं है. मार्च से इंदाैर का काम पूरी तरह से बंद पड़ा है. भाेपाल में सिर्फ लाॅक डाउन के सवा महीने मेट्राे का काम बंद रहा और नतीजा देखिए, पांच दिन पहले वहां मेट्राे की गर्डर भी लांच कर दी गई. पिछले दिनाें इंदाैर निगमायुक्त व एडिशनल एमडी प्रतिभा पाल ने प्राेजेक्ट डायरेक्टर, कंसल्टेंट के साथ वीडियाे कान्फ्रेंसिंग की थी. इसमें बताया था कि, कंसल्टेंट साउथ अफ्रीका में फंसे हैं इसलिए प्राेजेक्ट शुरू नहीं हाे पा रहा.  
 
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