11 लाेगाें की छाेटी सल्तनत, जहां का राजा चलाता है रेस्टाेरेंट

16 Sep 2020 17:11:50

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सर्फ आपने दुनिया के बड़े-बड़े साम्राज्याें के किस्से सुने हाेंगे. ब्रिटिश साम्राज्य जिसमें कभी सूरज डूबता ही नहीं था. चंगेज खां की बादशाहत जाे चीन से लेकर हिंदुस्तान की दहलीज तक फैली थी. या फिर मुगलिया सल्तनत जिसका विस्तार काबुल-कंधार से लेकर कर्नाटक तक था. पर, आज हम आपकाे ले चलते हैं दुनिया की सबसे छाेटी बादशाहत की सैर पर. एक ऐसा साम्राज्य जिसमें कुल 11 लाेग रहते हैं, वाे भी पार्ट टाइम. एक ऐसा राजा जाे अपनी नाव और रेस्टाेरेंट चलाता है. जिसने हाफ पैंट और सैंडल में ही जिंदगी बिता दी. यह बेहद दिलचस्प किंगडम है, किंगडम ऑफ टवाेलारा.
 
इटली के सार्डीनिया प्रांत के पास भूमध्य सागर में स्थित यह एक बेहद छाेटा-सा द्वीप है जहां पर एक राज्य कायम है, वाे भी इटली के एक देश के ताैर पर अस्तित्व में आने से पहले. किंगडम ऑफ टवाेलारा, असल में टवाेलारा नाम के एक छाेटे से जजीरे पर फैला हुआ है. इसकी कुल लंबाई-चाैड़ाई पांच वर्ग किलाेमीटर है.
 
इस सल्तनत के राजा का नाम है टाेनियाे बर्तलिओनी. अगर आप कभी टवाेलारा पहुंच गए ताे वहां आपकाे राजा टाेनियाे बर्तलिओनी काे तलाशने में द्निक त हाे सकती है. वाे राजा जैसे ताे दिखते ही नहीं. न पहनावा वैसा है, न रहन-सहन. टाेनियाे बर्तलिओनी कहते हैं कि एक राजा के ताैर पर उन्हें सिर्फ मुफ्त भाेजन की सुविधा मिलती है. वाे भी उनके खुद के रेस्टाेरेंट से मिलता है. आज के दाैर में एक द्वीप पर बसे एक साम्राज्य की बातें मजाक लगेंगी.
 
यह बात 1836 की है. गुसेप के बेटे पाओलाे ने कार्लाे अल्बर्टाे काे सुनहरे दांताें वाली बकरियाें के शिकार में मदद की और पूरा द्वीप घुमाया. टाेनियाे बताते हैं कि जब सार्डीनिया के राजा अल्बर्टाे उनके द्वीप पर पहुंचे ताे उन्हाेंने कहा कि वाे सार्डीनिया के राजा हैं. इसके जवाब में उनके पर-परदादा पाओलाे ने कहा कि वह टवाेलारा के राजा हैं. इसके बाद पाओलाे बर्तलिओनी ने अपनी बादशाहत का ऐलान कर दिया. इस द्वीप पर उस वक्त कुल तैंतीस लाेग रहते थे.
ताे पाओलाे उन 33 लाेगाें के राजा हाे गए.
 
1962 में यहां नैटाे का सैनिक अड्डा बनने के बाद इस छाेटे से साम्राज्य की संप्रभुता खत्म हाे गई. इसके ज्यादातर हिस्से पर किसी के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई. मगर इटली ने कभी भी औपचारिक रूप से टवाेलारा काे अपना हिस्सा नहीं बनाया.
हालांकि टवाेलारा काे दुनिया का काेई भी देश मान्यता नहीं देता. टवाेलारा के राजा टाेनियाे और उनके परिवार के लाेग इटली से इस द्वीप तक के लिए फेरी सर्विस चलाते हैं. बड़ी तादाद में सैलानी यहां घूमने के लिए आते हैं. वाे यहां की बकरियां और विलुप्त हाेती बाज की एक नस्ल काे देखने के लिए आते हैं.
 
टवाेलारा के आस-पास के समंदर में बड़ी तादाद में समुद्री जानवर रहते हैं. बहुत से सैलानी इनके साथ अठखेलियां करने के लिए भी यहां आते हैं. टाेनियाे और उनके भतीजे फेरी सर्विस चलाते हैं, ताे वहीं उनका एक भतीजा समुद्र में मछलियां और दूसरे शिकार करता है. टाेनियाे कहते हैं कि टवाेलारा पर राज करना खानदानी पेशे जैसा है. सैलानियाें की आमदाेरफ्त बढ़ने से टाेनियाे के राज्य की आमदनी भी बढ़ी है. लेकिन वाे आम लाेगाें जैसी जिंदगी ही बसर करने में यकीन रखते हैं.
 
टाेनियाे काे राेज सुबह उठकर खानदानी कब्रिस्तान जाकर अपनी बीवी की कब्र पर फूल चढ़ाना सबसे अच्छा लगता है. वह प्लास्टिक के फूल ले जाते हैं. टाेनियाे का कहना है कि असली फूल ले जाने पर बकरियां उन्हें चबा जाती हैं. कब्रिस्तान में बर्तलिओनी खानदान के सभी मरहूम लाेग दफनाए गए हैं.तकनीकी रूप से टाेनिओ और उनके सभी परिजन, इटली के नागरिक हैं. उन्हाेंने एक बार साेचा था कि वह ड्यूक ऑफ सेवाॅय से अपील करें कि उनकी बादशाहत काे मान्यता दे दी जाए, मगर फिर उन्हाेंने यह ख्याल छाेड़ दिया. टाेनियाे कहते हैं कि जब हमारे पास महल के ताैर पर इतना बड़ा द्वीप है ताे फिर बाकी औपचारिकताएं जरूरी नहीं.
 
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