माेदी द्वारा बिहार की 543 कराेड़ की याेजनाओं का उद्घाटन

    16-Sep-2020
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पीएम ने कहा- छाेटे शहराें काे भविष्य की जरूरताें के मुताबिक तैयार करना जरूरी
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने मंगलवार काे कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन काे गति देने के लिए ‘आत्मनिर्भर बिहार’ विशेषकर देश के छाेटे शहराें काे भविष्य की जरूरताें के मुताबिक तैयार करना बहुत जरूरी है.
 
माेदी ने मंगलवार काे वीडियाे काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्र की नमामि गंगे और अमृत याेजना से संबंधित बिहार में 543.28 कराेड़ रुपये की सात परियाेजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद कहा कि शहरी गरीबाें और शहर में रहने वाले मध्यम वर्ग के लाेगाें का जीवन आसान बनाने वाली इन नई सुविधाओं के लिए वह सभी काे बधाई देते हैं. उन्हाेंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन काे गति देने के लिए ‘आत्मनिर्भर बिहार’ विशेषकर देश के छाेटे शहराें काे वर्तमान ही नहीं भविष्य की जरूरताें के मुताबिक तैयार करना बहुत जरूरी है. इसी साेच के साथ अमृत मिशन के तहत बिहार के अनेक शहराें में जरूरी सुविधाओं के विकास के साथ-साथ ‘ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के लिए बेहतर माहाैल तैयार करने पर बल दिया जा रहा है.
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरीकरण आज के दाैर की सच्चाई है. आज पूरे विश्व में शहरी क्षेत्राें की संख्या बढ़ रही है. भारत भी इस वैश्विक बदलाव का अपवाद नहीं है, लेकिन कई दशकाें से हमारी मानसिकता बन गई और हमने मान लिया था कि शहरीकरण खुद में एक बड़ी समस्या और बड़ी बाधा है लेकिन उनका साेचना कुछ अलग है. यदि शहरीकरण समस्या लगती है ताे उसमें अवसर भी उपलब्ध हैं. उन्हाेंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने ताे उस दाैर में ही इस सच्चाई काे समझ लिया था और वह हरीकरण के बड़े समर्थक थे. उन्हाेंने शहरीकरण काे समस्या नहीं माना. उन्हाेंने ताे ऐसे शहराें की कल्पना की थी, जहां गरीब से गरीब व्यक्ति काे भी अवसर मिले और जीवन काे बेहतर करने के रास्ते खुले. माेदी ने कहा कि जब शासन वाेट बैंक का तंत्र व्यवस्था काे दबाने लगता है ताे सबसे ज्यादा प्रभाव समाज के प्रताड़ित, वंचित और शाेषिताें पर पड़ता है.